Girl Married with Shri Krishna गुरुवार को शुभ लग्नानुसार कान्हा जी की बारात आई और भक्त हर्षिका ने उनके साथ सात फेरे लिए। हल्द्वानी के आरटीओ रोड स्थित इंद्रप्रस्थ कालोनी फेज तीन में हुए इस अनोखे विवाह कार्यक्रम के दुल्हन के रिश्तेदार और स्थानीय लोग उत्साह के साथ साक्षी बने। वृंदावन से लाई गई श्रीकृष्ण की प्रतिमा की बुधवार को प्राण प्रतिष्ठा की थी।
जासं, हल्द्वानी । Girl Married with Shri Krishna: श्रीकृष्ण की मनमोहक छवि और आकर्षण अद्भुत है। उनकी भक्ति रस में रमने वाला व्यक्ति प्रभु में ही लीन हो जाता है। सांसारिक मोह माया से दूर होकर ईश्वर के दिखाए पथ पर निकल पड़ते हैं।
भगवान की ऐसी ही अनन्य भक्त
हर्षिका पंत ने उनके संग विवाह का संकल्प लिया। गुरुवार को शुभ लग्नानुसार कान्हा जी की बारात आई और भक्त हर्षिका ने उनके साथ सात फेरे लिए।
पूरे कुमाऊंनी रीति रिवाज से यह अनूठा विवाह संपन्न हुआ।
हल्द्वानी के आरटीओ रोड स्थित इंद्रप्रस्थ कालोनी फेज तीन में हुए इस अनोखे विवाह कार्यक्रम के दुल्हन के रिश्तेदार और स्थानीय लोग उत्साह के साथ साक्षी बने।
वृंदावन से लाई गई श्रीकृष्ण की प्रतिमा
साथ ही समारोह को प्रभु कार्य मानते हुए भव्य बनाने में स्वजन का सहयोग भी किया। हर्षिका के पिता पूरन चंद्र पंत ने बताया कि वृंदावन से लाई गई श्रीकृष्ण की प्रतिमा की बुधवार को प्राण प्रतिष्ठा की थी।
वहीं, गुरुवार को सुबह उनके आवास से स्थानीय लोगों ने
प्रभु की प्रतिमा को दूल्हे के रूप में सजाकर विवाह स्थल की ओर प्रस्थान किया। गाजे-बाजे के साथ भजनों की धुन पर झूमते हुए बाराती सुबह करीब 11:30 बजे विवाह स्थल पर पहुंचे। यहां वधु पक्ष के लोगों ने भव्य स्वागत किया। विवाह की सभी रस्में की गईं और शाम करीब 4:45 बजे कार्यक्रम संपन्न हुआ। इसके बाद बारात वापस पंत आवास पहुंची।
विवाह कार्य वधु पक्ष की ओर से पंडित चंद्रशेखर तिवारी और वर पक्ष से पंडित मनोज तिवारी ने संपन्न कराया। दुल्हन के पिता पूरन पंत ने बताया कि कान्हाजी की प्राण प्रतिष्ठित प्रतिमा उनकी पुत्री के कक्ष में ही रहेगी।
पर्वतीय मार्ग बाधित होने से नहीं पहुंच पाए कई लोग
हर्षिका के पिता ने बताया कि विवाह कार्यक्रम में 200 से अधिक लोग शामिल हुए। बताया कि बागेश्वर से भी कई रिश्तेदार और स्वजन को आमंत्रित किया गया था, लेकिन पर्वतीय मार्ग बाधित होने के कारण कई लोग नहीं पहुंच पाए।
विवाह संपन्न होते ही खिल उठा हर्षिका का चेहरा
वधु के पिता पूरन पंत ने बताया कि उनकी बेटी बचपन से ही श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त रही है।
10 वर्ष की उम्र से प्रभु के लिए करवाचौथ का व्रत रख रही है। ऐसे में गुरुवार को विवाह संपन्न होने के बाद बेटी के चेहरे की प्रसन्नता देखने लायक थी। गजब के तेज के साथ बेटी का चेहरा खिल उठा था। कहा कि प्रभु कार्य कर वह भी धन्य हो गए हैं।
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