बरेली रोड पर मंडी गेट के ठीक सामने शनि बाजार को सड़क जाती है। रेलवे फाटक से 200 मीटर पहले एक रास्ता जोशी विहार कालोनी को जाता है। इस कालोनी में एंट्री करते ही बड़ा सा प्रवेश द्वार बना है जिस पर लिखा है- रजा गेट न्यू फ्रेंड्स कालोनी। यह गेट कुछ साल पहले तब बना जब मुस्लिम समुदाय के लोगों का बसना शुरू हुआ।
दीप बेलवाल, हल्द्वानी। बनभूलपुरा के आसपास का क्षेत्र भी डेमोग्राफिक चेंज की जद में आ चुका है। शनि बाजार क्षेत्र से सटे जोशी विहार में रामपुर, पीलीभीत व स्वार के मुस्लिमों की बसासत बढ़ती जा रही है। आलम ये है कि पिछले छह वर्ष में 60 हिंदू परिवार जोशी विहार से पलायन कर चुके हैं। इस कालोनी में मात्र तीन हिंदू परिवार बचे हैं। इन्होंने भी अपने मकानों का सौदा कर दिया है और अगले महीने मकान छोड़कर चले जाएंगे।
बरेली रोड पर मंडी गेट के ठीक सामने शनि बाजार को सड़क जाती है। रेलवे फाटक से 200 मीटर पहले एक रास्ता जोशी विहार कालोनी को जाता है। इस कालोनी में एंट्री करते ही बड़ा सा प्रवेश द्वार बना है, जिस पर लिखा है-
रजा गेट न्यू फ्रेंड्स कालोनी
। यह गेट कुछ साल पहले तब बना, जब मुस्लिम समुदाय के लोगों का बसना शुरू हुआ।
गेट से अंदर घुसते ही सड़क के दोनों ओर बने मकानों में मुस्लिम समुदायों के लोग रहते हैं। यहां से अंदर पहुंचने पर जोशी, नैनवाल, साहू व गुप्ता परिवार रहते थे, जो अब यहां से पलायन कर गढ। जोशी विहार में अब तीन जोशी परिवार ही बचे हैं। बाकी 60 परिवार छह साल में पलायन कर चुके हैं। मुस्लिम समुदाय के 150 परिवार स्थानीय निवासी बन गए हैं। इनके पास आधार कार्ड समेत सभी दस्तावेज व जमीन की रजिस्ट्री भी है। अब तो सत्ता भी इनके हाथ में है।
वर्ष 2018 में नगर निगम में आए वार्ड 59 के निवर्तमान पार्षद रईस अहमद हैं। इससे पहले मनोज मठपाल ग्राम प्रधान थे। यहां रहने वाले देवेंद्र जोशी बताते हैं कि उनके दादा ने यहां जमीन खरीदी थी। बाद में हिंदू परिवार बसे। उनके दादा ने जरूरतमंद लोगों को कम दाम पर जमीन उपलब्ध कराईं। उस जमीन को लोगों ने कुछ बाहरी लोगों को बेचना शुरू कर दिया। कई लोग मजबूरी में जमीन औने-पौने दाम पर बेचकर गए।
ये रहा है जोशी विहार का इतिहास
वर्ष 1954 में अल्मोड़ा जिले के ग्राम धनखोली निवासी रामदत्त जोशी व देवीदत्त जोशी हल्द्वानी आए थे। दोनों भाइयों ने मिलकर गौजाजाली क्षेत्र के पास कई एकड़ जमीन खरीदी और कालोनी का नाम रखा जोशी विहार। रामदत्त व देवीदत्त दोनों के पांच-पांच बेटे हुए।
बच्चे अलग हुए तो जमीन के कई हिस्से हो गए। कई भाइयों ने जमीन बेचना शुरू कर दिया। पिछले छह साल में यहां डेमोग्राफिक चेंज हुआ। रामपुर से आए मलिक नाम के एक व्यक्ति ने सबसे पहले एक मकान खरीदा। बाद में मुस्लिम समुदाय के बसने का दायरा बढ़ता गया। आज 150 मुस्लिम परिवार यहां रह रहे हैं।
कुछ ने लालच में बेची जमीन, बाकी की मजबूरी
लोगों के पलायन के पीछे दो कारण हैं। पहला- कुछ लोगों ने लालच में जमीन बेच दीं। दूसरा कारण लोगों के पास जमीन बेचने की मजबूरी हो गई। जिन लोगों ने यहां पर एक लाख की जमीन खरीदी, वह बाद में एक करोड़ की बेच गया। अधिकांश लोग गंदगी व मुस्लिम समुदाय के बढ़ने पर जमीन बेचकर चले गए। भाजपा से जुड़े व पूर्व ग्राम प्रधान मनोज मठपाल बताते हैं कि यहां जमीन 4500 रुपये स्क्वायर फीट के हिसाब से बिक रही है।
50 लाख में किया मकान सौदा
रामदत्त जोशी के पोते व भुवन जोशी के बेटे देवेंद्र जोशी कहते हैं कि कौन अपना घर बेचना चाहता है। शनि बाजार से आने वाला नाला बरसात में उफान पर आता है। जिसमें मांस व गंदगी बहकर घर के आगे आ जाती है। घर छोड़ना उनकी मजबूरी हो गई है। 50 लाख में पुस्तैनी जमीन व घर बेच दिया।
डेमोग्राफिक चेंज हुआ है तो इसे दिखवाया जाएगा। लोग यहां से क्यों गए, इस संबंध में लोगों से बातचीत करेंगे।
- पारितोष वर्मा, एसडीएम
हमारा काम लोगों का पुलिस वेरिफिकेशन करना है। यह काम पूरे जिले में चल रहा है। समय-समय पर चेकिंग की जाती है। जोशी विहार में रहने वाले लोगों का सत्यापन किया जाएगा।
- प्रह्लाद नारायण मीणा, एसएसपी
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