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Uttarakhand में VVIP Culture ने छुड़वाई परीक्षा, जाम में फंसे लोग...परेशान रहा पहाड़

Haldwani News वीवीआइपी कल्चर ने गुरुवार को मैदान से लेकर पहाड़ के लोगों को खूब परेशान किया। एमबीपीजी कालेज में 132 विद्यार्थी इस चक्कर में परीक्षा ही नहीं दे सके। एमबीपीजी कालेज में गुरुवार सुबह नौ से 12 बजे के बीच कौशल परख से जुड़े अलग-अलग 15 विषयों की परीक्षा थी। पहाड़ से इलाज की आस में आने वाले लोगों के लिए भी दुश्वारियां कम नहीं थी।

By govind singh Edited By: Nirmala Bohra Updated: Fri, 31 May 2024 01:27 PM (IST)
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Haldwani News: ऐसे में पुलिस-प्रशासन ने अपनी एकतरफा समझ से ट्रैफिक प्लान तैयार कर लिया।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: Haldwani News: वीवीआइपी कल्चर ने गुरुवार को मैदान से लेकर पहाड़ के लोगों को खूब परेशान किया। एमबीपीजी कालेज में 132 विद्यार्थी इस चक्कर में परीक्षा ही नहीं दे सके। अधिकांश दूरस्थ इलाके के रहने वाले थे। इन्हें समय पर कालेज पहुंचने का रास्ता ही नहीं मिल सका। पहाड़ से इलाज की आस में आने वाले लोगों के लिए भी दुश्वारियां कम नहीं थी।

दूसरी तरफ वीवीआइपी कल्चर लागू करने के लिए कई दिनों से तैयारियों में जुटे अधिकारी यह भी भूल चुके थे कि हल्द्वानी पहाड़ के लोगों का मुख्य बाजार हैं। खेती से होने वाली ऊपज की मंडी भी है। चार घंटे ट्रैफिक को रोकने से इन लोगों पर क्या बीती होगी। इसे परेशान संवेदनहीन अधिकारी तो बिलकुल नहीं समझ सकते।  उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ गुरुवार को गुरुवार को कैंची धाम दर्शन के लिए पहुंचना था।

एकतरफा समझ से ट्रैफिक प्लान तैयार

ऐसे में पुलिस-प्रशासन ने अपनी एकतरफा समझ से ट्रैफिक प्लान तैयार कर लिया। इसके तहत अल्मोड़ा, बागेश्वर व रानीखेत से भवाली आने वाले वाहनों को वीवीआइपी प्रोग्राम के दौरान क्वारब से शीतला व खुटानी को डायवर्ट किया गया। रामपुर, बरेली और चोरगलिया रोड से अल्मोड़ा, रानीखेत, भवाली व बागेश्वर जाने के लिए वाहनों का कालाढूंगी के रास्ते नैनीताल की तरफ निकाला गया।

जबकि हल्द्वानी से भीमताल व भवाली जाने के लिए ज्योलीकोट के रास्ते सफर तय करने को कहा गया। इस प्लान के प्रभावी होने का समय सुबह नौ से दोपहर एक बजे तक रखा गया। अब जानिये कि इससे आम लोगों को क्या दिक्कत हुई। एमबीपीजी कालेज में गुरुवार सुबह नौ से 12 बजे के बीच कौशल परख से जुड़े अलग-अलग 15 विषयों की परीक्षा थी। मगर रास्ते में अलग-अलग जगहों पर अटकने के कारण 132 छात्र-छात्राएं समय से नहीं पहुंचने के कारण परीक्षा में बैठने से वंचित रह गए।

वहीं, इस वीवीआइपी कल्चर को जमीन पर लागू करवाने वाले अधिकारियों को भी पता है कि पर्वतीय क्षेत्र से रोजाना बड़ी संख्या में लोग उपचार के लिए शहर के सरकारी और निजी अस्पताल में आते हैं। बाजार में खरीदारी को जुटने वाली भीड़ का बड़ा हिस्सा भी यही लोग हैं। उसके बावजूद सिस्टम को इन लोगों की परेशानियों से कोई वास्ता नहीं है।

बैरीकेड के पीछे छात्रों को रोका, छोड़ा तो देरी हो गई

तिकोनिया में सुबह पौने नौ बजे ही ट्रैफिक रोक दिया गया था। इस बीच बड़ी संख्या में कालेज के विद्यार्थी पहुंच गए। जिनकी नौ बजे से परीक्षा थी। किसी तरह टेंपो और दुपहिया वाहनों से नीचे उतरने के बाद इन लोगों ने पैदल ही आगे का रास्ता तय किया। कोई 15 तो कोई 20 मिनट देरी से पहुंचा।

हल्द्वानी में दो घंटे तक खड़ी बस में बैठे रहे लोग रोडवेज अधिकारियों के अनुसार सुबह आठ से दस बजे तक रोजाना नैनीताल, जौरासी, गोलूछीना आदि पर्वतीय मार्ग पर करीब दस बसें रवाना की जाती थी। लेकिन 10 बजे बाद ही इन गाडिय़ों को स्टेशन से छोड़ा गया। यानी दो घंटे तक लोगों को खड़ी बस में बैठना पड़ा।

इसके अलावा पहाड़ से अलग-अलग गाडिय़ों के रास्ते हल्द्वानी पहुंचने के बाद यात्री यहां से आगे दिल्ली का सफर करते हैं। लेकिन इन सवारियों के रास्तों में अटकने के कारण दिल्ली की बसें भी खड़ी रह गई।

परीक्षार्थी परिचर्चा... एक घंटे तक छात्र फंसे रहे। पेपर शुरू होने के बाद हमें छोड़ा गया। परीक्षा के दौरान अतिरिक्त समय भी नहीं मिलता। यश गुप्ता, परीक्षार्थी सुबह नौ बजे से एमबीपीजी कालेज में परीक्षा थी। तिकोनिया चौराहे से दौड़ के कालेज जाना पड़ा। इसलिए समय से नहीं पहुंच सके। मनीष चंद्र, परीक्षार्थी

आरएसएस के पदाधिकारी संग अभद्रता, थाने पहुंचे भाजपाई

ट्रैफिक प्लान ने हर किसी को परेशान किया। सुबह साढ़े नौ बजे करीब एक बाइक सवार भीमताल तिराहे पर पहुंचा तो मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे रोक लिया। बाइक सवार ने बताया कि वह भीमताल में सरकारी विभाग से जुड़ा कर्मचारी हैं। ज्योलीकोट से जाने पर काफी देरी होगी।

मगर पुलिस ने ट्रैफिक प्लान का हवाला देते हुए एक न सुनी। आरोप है कि कर्मचारी संग अभद्रता भी की गई। वहीं, कर्मचारी आरएसएस से जुड़े होने के साथ एक प्रकोष्ठ के पदाधिकारी भी थे। सूचना मिलने पर कई भाजपा नेता काठगोदाम थाने पहुंच गए। हालांकि, बाद में मामला शांत हो गया था।

पर्यटक परेशान तो कैसे कहेंगे अतिथि देवो भव

भीमताल तिराहे पर कई पर्यटक ऐसे दिखे जो भीमताल की तरफ जाना चाहते थे। मगर ट्रैफिक प्लान जंजीर बन खड़ा हो गया। वाहनों को रोकने की वजह से पहाड़ में कई जगहों पर ऐसी स्थिति नजर आ रही थी। आगे भी अगर वीवीआइपी कल्चर की वजह से पर्यटक परेशान यूं ही परेशान रहे तो हम कैसे कहेंगे अतिथि देवो भव:?

अधिकारी वीवीआइपी कल्चर की हकीकत क्यों नहीं बताते? गुरुवार को अलग-अलग जगहों पर फंसा हर व्यक्ति सिस्टम को कोस रहा था। स्थानीय लोगों का कहना था कि कभी वीकएंड तो कभी टूरिस्ट सीजन ने सड़कों को जाम से पैक कर रखा है।

वीपीआइपी कल्चर ने इस परेशानी को दोगुना कर दिया है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि बड़ी-बड़ी बातें करने वाले ये अधिकारी वीवीआइपी प्रोग्रामों से जनता को होने वाली दिक्कतों को लेकर भी कोई रिपोर्ट बनाते हैं या नहीं?

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