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Haldwani Violence: उपद्रवी कहीं जंगलों में न छुपे हों... शक होने पर वन विभाग ने लिया यह एक्शन

गुरुवार को बनभूलपुरा के मलिक का बगीचा स्थित अवैध मदरसे और नमाजस्थल को तोड़ने के लिए पुलिस और प्रशासन की टीम पहुंची थी। इस दौरान उपद्रवियों ने हर दिशा से पत्थरों की बौछार शुरू कर दी। वन विभाग को आशंका है कि आरक्षित वन क्षेत्र या बाहरी हिस्से के अतिक्रमण वाले इलाकों में यह लोग छुपने को न पहुंच जाएं।

By govind singh Edited By: Aysha SheikhUpdated: Sat, 10 Feb 2024 09:10 AM (IST)
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Haldwani Violence: उपद्रवी कहीं जंगलों में न छुपे हों... शक होने पर वन विभाग ने लिया यह एक्शन
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। बनभूलपुरा में हुए बवाल के बाद पुलिस अब पत्थरबाजों की तलाश में जुट गई है। प्राथमिकी में करीब पांच हजार अज्ञात लोग भी शामिल हैं। वहीं, पुलिस की सख्ती के चलते कई लोग गायब होने के चक्कर में भी है। दूसरी तरफ वन विभाग को आशंका है कि आरक्षित वन क्षेत्र या बाहरी हिस्से के अतिक्रमण वाले इलाकों में यह लोग छुपने को न पहुंच जाएं।

इस वजह से शुक्रवार को गौला रेंज यानी बनभूलपुरा के नजदीकी जंगल में वन विभाग ने अलग-अलग हिस्सों में गश्त भी की। हालांकि, कोई संदिग्ध पकड़ में नहीं आया। गुरुवार को बनभूलपुरा के मलिक का बगीचा स्थित अवैध मदरसे और नमाजस्थल को तोड़ने के लिए पुलिस और प्रशासन की टीम पहुंची थी। इस दौरान उपद्रवियों ने हर दिशा से पत्थरों की बौछार शुरू कर दी।

बड़ी संख्या में पुलिस, निगमकर्मी और पत्रकार घायल भी हुए। जिसके बाद रात में ही कर्फ्यू के आदेश जारी हो गए। वहीं, बनभूलपुरा का जंगल गौला रेंज से सटा हुआ है। ऐसे में वन विभाग को आशंका है कि पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए कई लोग जंगलों की तरफ न पहुंच जाए।

इसलिए शुक्रवार को वनकर्मियों की टीम ने आंवला चौकी, इंदिरानगर, लालकुआं, बागजाला, गौलापुल, बागजाला से लेकर दानीबंगर तक के जंगलों में गश्त की। तीन गाडिय़ों में मय असलहे 30 वनकर्मी जंगलों को छानने में जुटे थे। रेंजर गौला चंदन अधिकारी ने बताया कि वन क्षेत्र की सुरक्षा और संदिग्धों की घुसपैठ रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।

वन विभाग भी बना रहा रिपोर्ट

वन विभाग की जमीनों पर भी कई जगहों पर अतिक्रमणकारी बसे हुए हैं। पूर्व में वन विभाग ने अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान चलाया था। लेकिन बाद में कार्रवाई ठप हो गई। सूत्रों की मानें तो वनभूमि से जुड़े मामलों को लेकर भी दोबारा रिपोर्ट बनना शुरू हो गया है।

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