हल्द्वानी में षड्यंत्र के तहत हुआ बवाल, CM धामी बोले- 'उपद्रवियों पर लगेगा रासुका'; 19 नामजद समेत 5 हजार पर प्राथमिकी
Haldwani Violence उत्तराखंड के बनभूलपुरा में गुरुवार शाम हुए उपद्रव के बाद माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। शुक्रवार शाम को हल्द्वानी पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बनभूलपुरा के उपद्रवियों को चिह्नित कर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। वहीं डीएम वंदना ने बताया कि उपद्रवियों ने षड्यंत्र के तहत पूरी घटना को अंजाम दिया।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। उत्तराखंड के बनभूलपुरा में गुरुवार शाम हुए उपद्रव के बाद माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। शुक्रवार शाम को हल्द्वानी पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बनभूलपुरा के उपद्रवियों को चिह्नित कर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। वहीं, डीएम वंदना ने बताया कि उपद्रवियों ने षड्यंत्र के तहत पूरी घटना को अंजाम दिया। यह पूरी घटना कानून-व्यवस्था पर हमला है।
10-15 उपद्रवियों की रही सक्रिय भूमिका
उन्होंने बताया कि मामले में 10-15 उपद्रवियों की अधिक सक्रिय भूमिका सामने आ रही है, जिन्होंने लोगों को भड़काने का काम किया। 30 जनवरी को जब क्षेत्र के घर व छतों में ड्रोन से चेकिंग कराई गई थी तो पत्थर व ईंट आदि नहीं थे। इसके बाद नगर निगम की ओर से नोटिस दिए गए तो उपद्रवियों ने साजिश के तहत छतों पर पत्थर एकत्र कर लिए। इसके बाद जब पुलिस प्रशासन और निगम की टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची तो हमला कर दिया। इस उपद्रव में अभी तक छह युवकों की मौत हुई है।पांच मृतकों की पहचान फईम कुरैशी, जाहिद, मो. अनस, शब्बाद व प्रकाश कुमार के रूप में हुई है। बता दें कि पुलिस प्रदेश में अलर्ट जारी कर उत्तर प्रदेश सीमा से सटे बार्डर पर भी सघन चेकिंग कर रही है।
रासुका के तहत होगी कार्रवाई
वहीं, शुक्रवार सुबह मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार के बाद शाम को हल्द्वानी पहुंचे। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बनभूलपुरा के उपद्रवियों को चिह्नित कर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई होगी। उन्होंने जांच कमेटी बनाकर कार्रवाई करने की बात भी कही।बता दें कि बनभूलपुरा वही इलाका है जहां पिछले वर्ष रेलवे की भूमि पर बसी 50 हजार की आबादी वाली बस्ती को खाली कराने का हाईकोर्ट ने आदेश दिया था। यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
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