Move to Jagran APP

Haldwani Violence: क्या वाकई जिस मदरसे और मस्जिद को नगर निगम ने ध्वस्त किया, वो अवैध थी? पढ़िए हाई कोर्ट का फैसला

Haldwani Violence बनभूलपुरा इलाके के लिए पिछले साल रेलवे की भूमि पर बसी 50 हजार की आबादी वाली बस्ती को खाली कराने का हाई कोर्ट ने आदेश जारी किया था। हाई कोर्ट में मस्जिद ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने को लेकर दायर याचिका दायर की गई थी। अवकाशकालीन न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता साफिया मलिक व अन्य को किसी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया था।

By Jagran News Edited By: Aysha SheikhUpdated: Fri, 09 Feb 2024 09:06 AM (IST)
Hero Image
बनभूलपुरा क्षेत्र के मलिक के बगीचे में नमाज स्थल को तोड़ता बुलडोजर । जागरण
डिजिटल डेस्क, देहरादून। उत्तराखंड के हल्द्वानी में चर्चित बनभूलपुरा में सरकारी भूमि पर बने अवैध मदरसा व मस्जिद को पुलिस ध्वस्त करने के लिए गई थी। इससे नाराज लोगों ने पुलिस, प्रशासन व नगर निगम की टीम पर पथराव कर दिया, जिसके बाद कई हिंसक तस्वीरें सामने आई हैं।

उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाने को भी आग के हवाले कर दिया। आग लगने पर पुलिसकर्मियों ने किसी तरह थाने से भागकर अपनी जान बचाई। हिंसा में अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है। बताया गया कि मीडियाकर्मियों के दर्जनों वाहन पेट्रोल बम से जला दिए गए।

यह मंजर काफी भयावाह है। लोग सहमें हुए हैं। अब एक सवाल, जो इस वक्त कई लोगों के मन में है कि क्या वाकई जिस मदरसे और मस्जिद को नगर निगम ने जेसीबी मशीन से ध्वस्त किया वो अवैध थी? आइए इस पूरे मामने में हाईकोर्ट का आदेश जानते हैं।

क्या कहता है हाई कोर्ट?

बनभूलपुरा इलाके के लिए पिछले साल रेलवे की भूमि पर बसी 50 हजार की आबादी वाली बस्ती को खाली कराने का हाई कोर्ट ने आदेश जारी किया था। पुलिस-प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के लिए पूरी तैयारी भी कर ली थी। इसी बीच मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया और वर्तमान में विचाराधीन है।

अगली सुनवाई 14 फरवरी को

मस्जिद पर बुलडोजर एक्शन से पहले हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था। हाई कोर्ट में मस्जिद ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने को लेकर दायर याचिका दायर की गई थी। अवकाशकालीन न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता साफिया मलिक व अन्य को किसी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया था।

हाईकोर्ट की तरफ से मस्जिद पक्ष को कोई राहत नहीं मिलने पर मस्जिद-मदरसे पर नगर निगम की ओर से विध्वंस की कार्रवाई शुरू हुई। इस याचिका पर अगली सुनवाई 14 फरवरी को नियत कर दी गई।

याचिकाकर्ताओं का पक्ष

दायर याचिका में याचिकाकर्ता का कहना था कि उनके पास 1937 की लीज है, जो मलिक परिवार से मिली है। सरकार इसमें कब्जा नहीं ले सकती। वहीं, नगर निगम की ओर से जारी नोटिस में मदरसे को अवैध बताते हुए ध्वस्त करने को कहा गया है।

ये भी पढ़ें -

Haldwani Violence: सीएम धामी ने पहली बार दिखाई ऐसी सख्ती, रात में ही तुरंत सक्रिय होकर लिया यह एक्शन

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।