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हल्द्वानी में पूरी प्लानिंग के साथ हुआ टीम पर हमला, पहले महिलाओं को किया आगे फिर पत्थरबाजी; CCTV तोड़े-बत्ती गुल

पुलिस-प्रशासन और नगर निगम की टीम दोपहर तीन बजे अलग-अलग जगहों पर एकजुट होने लगी। हमेशा की तरह कार्रवाई की पूर्व सूचना किसी को नहीं थी। बनभूलपुरा थाने के आगे नगर निगम पुलिस और मीडियाकर्मी जुटे तो हर कोई आकर पूछने लगा कि क्या मामला है। क्या होने जा रहा है। लेकिन जवाब में हर कोई यही कहता दिखा कि पता नहीं अधिकारी ही बता पाएंगे।

By govind singh Edited By: Abhishek Pandey Updated: Thu, 08 Feb 2024 11:05 PM (IST)
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हल्द्वानी में पूरी प्लानिंग के साथ हुआ टीम पर हमला, पहले महिलाओं को किया आगे फिर पत्थरबाजी; CCTV तोड़े-बत्ती गुल
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। पुलिस-प्रशासन और नगर निगम की टीम दोपहर तीन बजे अलग-अलग जगहों पर एकजुट होने लगी। हमेशा की तरह कार्रवाई की पूर्व सूचना किसी को नहीं थी। बनभूलपुरा थाने के आगे नगर निगम, पुलिस और मीडियाकर्मी जुटे तो हर कोई आकर पूछने लगा कि क्या मामला है। क्या होने जा रहा है। लेकिन जवाब में हर कोई यही कहता दिखा कि पता नहीं अधिकारी ही बता पाएंगे। हमें तो सिर्फ यहां आने को कहा गया है।

लेकिन भारी पुलिसबल को देख बनभूलपुरा के लोगों ने अंदाजा लगा दिया कि मामला पिछले सात दिन से खासा चर्चाओं में रहे मलिक का बगीचा से ही जुड़ा है। इसलिए टीम के मौके पर पहुंचने से पहले यह प्लानिंग बना ली गई थी कि कब क्या करना है।

पुलिस ने जगह-जगह लगाए थे बेरीकेड

सवा चार बजे करीब पुलिसबल के मौके पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। मलिक के बगीचे में लोग न पहुंच पाए। इसके लिए अलग-अलग जगहों पर बेरीकेड लगाए गए। सभी बेरीकेडो को हटाने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी थी। रास्ते में सरकारी गाडियों को रोकने की कोशिश भी होने लगी। इसके बाद घरों से महिलाओं को आगे किया गया।

यह लोग एक बार पुलिस के आगे धरने पर बैठने लगी। लेकिन कोशिश नाकाम होने पर संख्या को और बढ़ा सीधा मलिक का बगीचा पहुंच गई। इस बीच टीम के ऊपर पत्थर बरसने भी शुरू हो गए। वहीं, बगीचे में महिलाएं पहले नमाजस्थल के आगे खड़ी हो गई। महिला पुलिसकर्मियों ने साइड किया तो बुलडोजर के बकैट में लेटने लगी। जिसके बाद बमुश्किल इन्हें हटाया गया।

विरोध में उतरी महिलाएं

मैदान से बाहर खदेडऩे पर यह तारबाड़ के बाहर से नारेबाजी और विरोध में उतर आई। इस बीच चारों दिशा से दीवार और तंग गलियों की आड़ से मुस्लिम युवाओं ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। पुलिस एक जगह से खदेडऩे के लिए आगे बढ़ती तो दूसरी जगह से पत्थर बरसा फोर्स को पीछे खिसकाने की कोशिशें होने लगती।

वहीं, अवैध अतिक्रमण को तोडने के बाद जब पुलिस बल और निगम कर्मचारी इलाके से बाहर निकलने लगे। तो रास्ते में पडने वाली हर गली से पथराव किया गया। पहले से छत्तों पर जमा किए पत्थरों का अंधेरा होने के बाद इस्तेमाल किया गया। बड़ा सवाल यह था कि बत्ती भी गुल हो गई। अंधेरे में फोर्स जमीन पर और उपद्रवी छत्तों और अचानक सामने से आकर हमले करने लगे।

अंधेरे में घरों के गेट बंद किए, ताकि फोर्स खुद को बचाने की जगह न ढूंढ सके

अंधेरा होने के बाद मलिक के बगीचा से बाहर निकलना बेहद मुश्किल हो चुका था। पत्थरों से बचने के लिए पुलिस और निगमकर्मी लोगों के घरों में पनाह लेने की कोशिश कर सकते थे। लेकिन हर घर का गेट अंदर से बंद था। कुछ ने ताले लगा रखे थे। बाहरी छज्जे के नीचे खड़े होने पर उसी घर के ऊपर से पत्थर आ रहा था।

थाने के अलावा अन्य जगहों पर तोड़े सीसीटीवी

किसी भी घटना के बाद सीसीटीवी के माध्यम से उपद्रवियों को पहचाना जा सकता है। लेकिन उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाने के अलावा गोपाल मंदिर के पास सरकारी कैमरों को तोड़ा। इसके अलावा दुकान के बाहर लगे कैमरे भी तोड़ दिए गए।

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