अल्मोड़ा जिले में तालाब बनी सड़क पर आधे घंटे तक धरने पर बैठे हरीश रावत, मौन व्रत रखा
अल्मोड़ा जिले के रामनगर-भतरौजखान रानीखेत राजमार्ग की दयनीय हालत से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत स्वौराल में बीच सड़क धरने पर बैठ गए। करीब 30 मिनट का मौनव्रत रखने के बाद हरदा ने प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Wed, 14 Sep 2022 02:38 PM (IST)
संवाद सूत्र, रानीखेत : अल्मोड़ा जिले के रामनगर-भतरौजखान रानीखेत राजमार्ग की दयनीय हालत से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत स्वौराल में बीच सड़क धरने पर बैठ गए। करीब 30 मिनट का मौनव्रत रखने के बाद हरदा ने कहा कि कांग्रेसराज में इस सड़क को पर्यटन के लिहाज से हाटमिक्स बनाने का काम शुरू हुआ। साथ ही इसे राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में विकसित करने का खाका भी खींचा लेकिन डबल इंजन सरकार में सड़क बदहाली का दंश झेल रही है।
पूर्व सीएम ने इस पर भी तंज कसा कि कई बार सरकार को इस सड़क की महत्ता बता इसे दुरुस्त करने की गुहार लगाई जा चुकी है लेकिन वह चुप्पी साधे है। हरदा ने कहा कि जरूरत पड़ी तो सड़क के लिए आंदोलन भी खड़ा किया जाएगा। इस दौरान वाहनों को रोके जाने के ऐलान पर पुलिस फोर्स भी तैनात रहा।
पूर्व घोषणा के तहत पूर्व सीएम हरीश रावत बुधवार को करीब पौने एक बजे रामनगर भतरौजखान रानीखेत राजमार्ग पर स्वौराल क्षेत्र में पहुंचे। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी के बीच गर्मजोशी से स्वागत किया। बरसाती पानी से भरे सड़क के गड्ढों के पास ही हरदा ने समर्थकों के साथ धरना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि यह सड़क रामनगर को पर्यटक नगरी रानीखेत से जाेड़ती है। आपदाकाल में जब अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे बंद हो जाता है तो रामनगर रानीखेत रोड संकटमोचक का काम करती है। मगर मौजूदा डबल इंजन सरकार में पर्यटन के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण सड़क खस्ताहाल है।
गड्ढों पर हिचकोले राजमार्ग की दुर्दशा व उपेक्षा की कहानी बताते हैं। मगर सरकार को जैसे कोई लेनादेना नहीं है। धरना जारी है। इस दौरान पुष्कर दुर्गापाल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य नारायण सिंह रावत, महासचिव पूर्व सैनिक कल्याण प्रकोष्ठ घनानंद शर्मा, गोविंद सिंह नेगी, मुमताज, मोहन फत्र्याल, कुलदीप दुर्गापाल, अर्जुन सिंह, अमित रावत आदि कांग्रेसी भी पूर्व सीएम के साथ धरने पर बैठे हैं।
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