स्वास्थ्य विभाग लाचार, चार घंटे तड़पती रही गर्भवती
08 इमरजेंसी एंबुलेंस सेवाओं की बदहाली से पहाड़ की आधी आबादी परेशान हैं। पूरे मंडल में कहीं भी गंभीर मामला होता है तो सीधे एसटीएच आना पड़ता है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 08 Nov 2018 07:08 PM (IST)
नैनीताल (जेएनएन) : 108 इमरजेंसी एंबुलेंस सेवाओं की बदहाली से पहाड़ की आधी आबादी परेशान हैं। एक तो दुर्गम जनजीवन ऊपर से स्वास्थ्य विभाग की खस्ताहाली। पूरे मंडल में कहीं भी गंभीर मामला होता है तो सीधे एसटीएच आना पड़ता है। मेडिकल कॉलेज तक पहुंचने में ही कई मरीज मौत के मुंह में समा जाते हैं। पिथौरागढ़ में तीन दिन पूर्व समय पर वाहन उपलब्ध न होने से एक गर्भवती की मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग नहीं चेता। गुरुवार को फिर एक महिला को 108 सेवा के लिए चार घंटे इंतजार करना पड़ा। एंबुलेंस नहीं मिलने पर महिला के परिजनों को चंदा एकत्र कर निजी वाहन से उसे अस्पताल पहुंचाना पड़ा। प्रसव वेदना से जूझ रही सेली गांव निवासी रेखा देवी सुबह छह बजे सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पहुंची। चिकित्सकों ने जांच की तो पता चला कि हीमोग्लोबिन लेवल कम है। महिला की पूर्व में भी कोई जांच नहीं हुई थी। चिकित्सकों ने महिला को हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। परिजनों ने 108 सेवा को फोन किया तो आठ बजे वाहन मिलने का आश्वासन दिया गया। महिला की स्थिति को देखते हुए चिकित्सक ने खुद 108 सेवा से संपर्क साधा जिस पर उन्हें भी आठ बजे ही वाहन मिल सकने की बात संचालकों ने कही। नौ बजे तक भी वाहन उपलब्ध नहीं हो सका। इस पर गांव से साथ आए लोगों ने आपस में धनराशि एकत्र कर निजी वाहन बुक किया और महिला को पिथौरागढ़ महिला चिकित्सालय ले गए।
एम्बुलेंस में नहीं है चालक : बेरीनाग सामुदायिक स्वास्थ केंद्र को भी मरीजों की सुविधा के लिए एक एंबुलेंस दी गई है, लेकिन चालक के अभाव में एंबुलेंस अस्पताल परिसर में ही खड़ी है। चिकित्साधिकारियों ने बताया कि चालक की तैनाती की मांग को लेकर उच्चाधिकारियों को बताया गया है।
महिला के परिजनों को मुआवजा दे सरकार : तीन रोज पूर्व विकास खंड के धंतोली गांव की 21 वर्षीय गर्भवती महिला सीता देवी की घंटों इंतजार के बाद मिली 108 एंबुलेंस में अस्पताल लाए जाने के दौरान मौत हो गई थी। महिला के परिजन इस हादसे के बाद से सदमे की स्थिति में हैं। पूर्व ग्राम प्रधान जगदीश राम ने महिला की मौत के लिए लचर स्वास्थ सेवाओं को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रभावित परिवार को 10 लाख का मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
समय पर उपचार नहीं मिलने से 21 वर्षीय महिला की मौत हो गई। स्वास्थ केंद्र में उपचार के कोई इंतजाम नहीं हैं। मजबूर महिलाओं को हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है। विकास खंड की स्वास्थ सेवाओं में अविलंब सुधार किए जाने की जरू रत है।
-रेखा भंडारी, ब्लाक प्रमुख, बेरीनाग
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