वन विभाग द्वारा कब्जे में ली गई हथिनी की तबीयत खराब, क्रेन से उठाकर किया उपचार
हाई कोर्ट के आदेश के बाद वन विभाग द्वारा कब्जे में ली गई हथिनी की तबीयत अचानक खराब हो गई। वह एक बार बैठी तो फि र उठ नहीं सकी। इससे वन विभाग में हड़कंप मच गया।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Mon, 25 Mar 2019 10:51 AM (IST)
रामनगर, जेएनएन : हाई कोर्ट के आदेश के बाद वन विभाग द्वारा कब्जे में ली गई हथिनी की तबीयत अचानक खराब हो गई। वह एक बार बैठी तो फि र उठ नहीं सकी। इससे वन विभाग में हड़कंप मच गया। इसके बाद क्रेन मंगाकर बमुश्किल उसे उठाकर उपचार किया गया। चार घंटे तक उपचार की कार्रवाई चलती रही। अब हथिनी की हालत में सुधार है।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद रामनगर वन प्रभाग द्वारा पिछले साल 10 अगस्त को ढिकुली से आठ व कुमेरिया से एक हथिनी कब्जे में ली गई थी। यह सब हथिनी रिसॉर्ट व निजी लोगों के पास थी। जो अब वह विभाग ने वनकर्मियों की देखरेख में आमडंडा में रखे हैं। इसमें से रिसॉर्ट की हथिनी लक्ष्मी के पैर में पहले से ही सूजन थी। पंतनगर से आए डॉक्टरों ने भी उसका उपचार किया था। शनिवार रात 12 बजे के करीब वह बैठी। इसके बाद रविवार को उसने उठने की काफी कोशिश की लेकिन वह उठ नहीं पाई। महावत ने भी हथिनी को उठाने की काफी कोशिश की। इसके बाद वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी गई। जिसके बाद डीएफओ बीपी सिंह वन बीट अधिकारी वीरेंद्र पांडे आमडंडा पहुंचे। इसके बाद हल्द्वानी जू के पशु चिकित्सक आयुष उनियाल व चिकित्सक विमल राज को उपचार के लिए बुलाया गया। उनके प्रयास के बाद भी हथिनी नहीं उठी तो चिकित्सकों ने क्रेन मंगाई।
क्रेन की मदद से उसे सहारा देकर बमुश्किल उठाया गया। क्रेन के सहारे से हथिनी खड़ी हो गई। इसके बाद उसका उपचार किया जा सका। उसे ग्लूकोज दिया गया। चिकित्सकों ने उसे बांस के पत्ते, गुड़ व रोटी दी। हथिनी के खड़े होने के बाद वन कर्मियों ने राहत की सांस ली। वन बीट अधिकारी वीरेंद्र पांडे ने बताया कि हथिनी के पैर में पानी भर गया था। जिस वजह से उसके अगले पैर में सूजन आ गई थी। इस वजह से वह उठ नहीं पाई।
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