विधानसभा सत्र में पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी गई सुविधाओं पर आएगा नया विधेयक nainital news
हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों का आवास भत्ता समेत अन्य सुविधाओं का बकाया माफ करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की।
By Edited By: Updated: Wed, 20 Nov 2019 12:11 PM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों का आवास भत्ता समेत अन्य सुविधाओं का बकाया माफ करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि पांच दिसंबर से शुरू हो रहे विधान सभा सत्र में पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी गई सुविधाओं पर नया विधेयक लाया जा सकता है। इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कार्तिकेय हरिगुप्ता ने सख्त आपत्ति जताई। उन्होंने साफ कहा कि यदि सरकार पूर्व सीएम को लाभ देने के मकसद से विधान सभा सत्र में विधेयक पास करती है तो उसे कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में रूरल लिटिगेशन इन्टाइटिलमेंट केंद्र देहरादून की ओर से इस संबंध में जारी अध्यादेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका के माध्यम से पांच सितंबर के अध्यादेश को चुनौती देते हुए कहा गया कि सरकार द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों को लाभ देने के मकसद से अध्यादेश लाया गया है। हाई कोर्ट ने पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी, विजय बहुगुणा, भुवन चंद्र खंडूड़ी व एनडी तिवारी को सुविधाओं का बकाया जमा करने व घर खाली करने का आदेश पारित किया था। दिवंगत पूर्व सीएम एनडी तिवारी को नोटिस से बाहर किया गया है। सोमवार को सुनवाई के दौरान खंडपीठ के समक्ष पूर्व सीएम बीसी खंडूड़ी व विजय बहुगुणा के अधिवक्ता द्वारा मामले में जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा। जिस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कड़ी आपत्ति दर्ज की। जिसके बाद कोर्ट में अगली सुनवाई 25 नवंबर सोमवार नियत कर दी।
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