डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के नामांकन को चुनौती देती याचिका को एकलपीठ ने किया निरस्त
हरिद्वार संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के नामांकन को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई अब दो अप्रैल को होगी।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Tue, 02 Apr 2019 11:40 AM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : नैनीताल हाईकोर्ट से पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार से भाजपा सांसद प्रत्याशी डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को बड़ी राहत मिली है । न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक सिंह की एकलपीठ ने नामांकन को चुनौती देती याचिका को निरस्त कर दिया है।
देहरादून निवासी मनीष वर्मा ने याचिका दायर कर डॉ. निशंक के नामांकन को चुनौती दी है। कहा था कि डॉ. निशंक ने नामांकन पत्र में दिए हलफनामे में कई तथ्य छिपाए हैं। डॉ. निशंक ने अपनी बेटी श्रेयशी निशंक और और विदुषी के बैंक खातों का उल्लेख नहीं किया है। मुुख्यमंत्री आवास के बकाया भुगतान का भी उन्होंने उल्लेख नहीं किया है। सांसद आवास का नोड्यूज प्रमाण पत्र भी नहीं लगाया है। इसके स्थान पर डॉ. निशंक ने प्रोविजनल प्रमाण पत्र लगाया है। डॉ. निशंक ने रिटर्निंग अफसर को दिए जवाब में कहा है कि श्रेयशी आत्मनिर्भर है। वहीं सांसद आवास के बारे में कहा है कि वह अब भी सांसद हैं। रिटर्निंग अफसर ने निशंक के जवाब से संतुष्टï होने के बाद आपत्ति निरस्त कर दी, जिसके बाद मनीष वर्मा ने आपत्ति निरस्त करने के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की। वहीं याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक सिंह की एकलपीठ ने नामांकन को चुनौती देती याचिका को निरस्त कर दिया है।
देहरादून निवासी मनीष वर्मा ने याचिका दायर कर डॉ. निशंक के नामांकन को चुनौती दी है। कहा था कि डॉ. निशंक ने नामांकन पत्र में दिए हलफनामे में कई तथ्य छिपाए हैं। डॉ. निशंक ने अपनी बेटी श्रेयशी निशंक और और विदुषी के बैंक खातों का उल्लेख नहीं किया है। मुुख्यमंत्री आवास के बकाया भुगतान का भी उन्होंने उल्लेख नहीं किया है। सांसद आवास का नोड्यूज प्रमाण पत्र भी नहीं लगाया है। इसके स्थान पर डॉ. निशंक ने प्रोविजनल प्रमाण पत्र लगाया है। डॉ. निशंक ने रिटर्निंग अफसर को दिए जवाब में कहा है कि श्रेयशी आत्मनिर्भर है। वहीं सांसद आवास के बारे में कहा है कि वह अब भी सांसद हैं। रिटर्निंग अफसर ने निशंक के जवाब से संतुष्टï होने के बाद आपत्ति निरस्त कर दी, जिसके बाद मनीष वर्मा ने आपत्ति निरस्त करने के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की। वहीं याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक सिंह की एकलपीठ ने नामांकन को चुनौती देती याचिका को निरस्त कर दिया है।
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