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ये लक्षण दिखें तो हो सकता है हार्ट अटैक का खतरा, सुधारें जीवन शैली और खानपान

अगर आप बार-बार कोलस्ट्राल की जांच करवाते हैं और जब कोलस्ट्राल बढ़ा हुआ आता है तो आप फिर तनाव में आ जाते हैं। ऐसा तमाम लाेग करते हैं। जबकि बार-बार जांच करने से बेहतर है कि आप खुद को फिट रखने के उपाय करें। नियमित व्यायाम करने पर ध्यान दें।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 11 Sep 2022 03:35 PM (IST)
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दैनिक जागरण के हैलो डाक्टर में कार्डियोलाजिस्ट डा. रमनदीप ने हार्ट अटैक पर दिया परामर्श
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : अगर आप बार-बार कोलस्ट्राल की जांच करवाते हैं और जब कोलस्ट्राल बढ़ा हुआ आता है तो आप फिर तनाव में आ जाते हैं। ऐसा तमाम लाेग करते हैं। जबकि बार-बार जांच करने से बेहतर है कि आप खुद को फिट रखने के उपाय करें। नियमित व्यायाम करने पर ध्यान दें।

इससे न केवल कोलस्ट्राल लेवल कम होगा, बल्कि हृदय संबंधी बीमारियां भी दूर हो जाएंगी। यह परामर्श कृष्णा अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर के वरिष्ठ कार्डियोलाजिस्ट डा. रमनदीप सिंह ने दिया।

वह रविवार को दैनिक जाकरण के हैलो डाक्टर कार्यक्रम में उपस्थित थे। उन्होंने कुमाऊं भर से फोन करने वाले लोगों को परामर्श दिया। उन्होंने यह भी कहा कि कम उम्र में हार्ट अटैक पड़ने पर मौत का खतरा भी अधिक रहता है।

जानें हार्ट अटैक के लक्षण

-छाती के दाएं, बाएं तरफ दर्द

- कंधे की तरफ बढ़ना

- ब्लड प्रेशर बढ़ जाना

- पसीना होना

- घबराहट होना

हार्ट अटैक के कारण भी जानें

  • - वजन ज्यादा होना
  • - धूमपान व एल्कोहल का अधिक सेवन
  • - तंबाकू का अधिक सेवन
  • - आहार में फलों और सब्जियों का कम प्रयोग
  • - व्यायाम रहित जीवनशैली
  • - मधुमेह
  • - उच्च रक्तचाप
  • - अधिक कोलस्ट्राल
  • - अनियमित नींद
  • - तनावपूर्ण माहौल

निष्क्रिय जीवनशैली में धूमपान के बराबर खतरा

डा. रमनदीप का कहना है कि जितना खतरा धूमपान का रहता है, उतना ही खतरा लंबे समय तक बैैठे रहना यानी निष्क्रिय जीवनशैली का भी है। इसलिए जीवनशैली में सुधार बहुत अधिक जरूरी है। हार्ट को दुरुस्त रखने के लिए धूमपान, एल्कोहल छोड़ दें और खुद को सक्रिय रखने की कोशिश करते रहें।

तेल को तल लेना हमेशा नुकसानदेह, घी फायदेमंद

डा. रमनदीप कहते हैं, तेल चाहे सरसों का हो फिर जैतून का, अगर तल लिया तो यह नुकसानदेह ही है। हां, घी हमेशा ही फायदेमंद रहता है, लेकिन इसे तलकर नहीं लेना चाहिए।

डाक्टर से पूछे बिना दवा बंद न करें

अक्सर मरीज बीपी व खून पतला करने की दवा लेने के बाद खुद से ही बंद कर देते हैं।डा. सिंह का कहना है कि ऐसा करना खतरनाक साबित हो सकता है। डाक्टर की सलाह पर ही दवा छोड़ी जा सकती है।

युवाओं में बुजुर्गों की अपेक्षा हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा

हैलो डाक्टर में फोन करने वाले युवा दीपक को परामर्श देते हुए डा. सिंह ने कहा कि अचानक हार्ट अटैक में बुजुर्गों की अपेक्षा युवाओं की मौत का खतरा अधिक रहता है। क्योंकि युवाओं में नेचुरल बाइपास विकसित नहीं होता है। वैसे इस समय युवा पैक्ड व फास्ट फूड ज्यादा खाते हैं।

सलाह लेने वालों में 50 वर्ष से अधिक के लोग ज्यादा

रानीखेत से लीला तिवारी, हल्द्वानी से भूपेंद्र खनका, यशपाल आर्य, एचडी पाठक, दुर्गादत्त पांडे, एके गुप्ता, मिन्हाज हुसैन, हरीश उपाध्याय, कमलुवागांजा से एचबी जोशी, धारचूला से नीरज, बसानी से राम सिंह, खत्ता बंगर से हरीश जोशी, बिंदुखत्ता से एलएस जग्गी, बनकोट से महेंद्र सिंह बनकोटी, पिथौरागढ़ से कमला, द्वाराहाट से ऋतिका जोशी, काशीपुर से त्रिलोचन सिंह आदि ने परामर्श लिया।

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