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Nainital में सबसे अधिक बरसे मेघ, होटल की दीवार ढही; कुमाऊं में 92 सड़कों पर यातायात ठप

Heavy rainfall in Nainital वर्षाकाल प्रारंभ होने के बाद नैनीताल में इस सीजन की सबसे ज्यादा वर्षा देखने को मिली। वहीं हल्द्वानी में सुबह से लेकर देर रात तक मेघ बरसते रहे और यहां 89 एमएम वर्षा दर्ज की गई। रविवार को भी हल्‍द्वानी में तड़के से बारिश जारी रही। रविवार को भी कुमाऊं के सभी जिलों में भारी वर्षा हो सकती है।

By kishore joshi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 07 Jul 2024 12:50 PM (IST)
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Heavy rainfall in Nainital: नैनीताल में तेज बारिश में पर्यटकों की खूब फजीहत हुई। जागरण

जासं, हल्द्वानी । Heavy rainfall in Nainital: मानसून लगातार प्रभावी हो रहा है और पहाड़ से लेकर मैदान तक जमकर हो रही वर्षा ने लोगों की समस्या बढ़ा दी है। शनिवार को हल्द्वानी सहित पूरे नैनीताल जिले में भारी वर्षा का क्रम जारी रहा। इसमें नैनीताल क्षेत्र में सबसे ज्यादा 117 एमएम बारिश रिकार्ड की गई।

वर्षाकाल प्रारंभ होने के बाद नैनीताल में इस सीजन की सबसे ज्यादा वर्षा देखने को मिली। वहीं हल्द्वानी में सुबह से लेकर देर रात तक मेघ बरसते रहे और यहां 89 एमएम वर्षा दर्ज की गई। जबकि धारी में 85 एमएम, मुक्तेश्वर में 52.9 एमएम बारिश हुई। वहीं मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार रविवार को भी कुमाऊं के सभी जिलों में भारी वर्षा हो सकती है।

होटल की सुरक्षा दीवार ढही, बाल-बाल बचे चार लोग

नैनीताल में शुक्रवार देर रात मल्लीताल क्षेत्र में होटल की करीब 20 फीट लंबी सुरक्षा दीवार भरभरा कर गिर गई। दीवार का मलबा व पत्थर होटल के नीचे स्थित डीएस बख्शी व राजवीर के आवासीय मकान तक पहुंच गए। इस दौरान डीएस बख्शी के मकान में मौजूद चार लोग बाल-बाल बचे।

यदि मकान की दीवार तोड़कर मलबा भीतर घुसता तो बड़ा हादसा हो सकता था। भूस्खलन से यहां बिजली का पोल तथा पेयजल लाइन भी ध्वस्त हो गई। भूस्खलन से पास ही स्थित मदर्स हार्ट स्कूल की संचालक नगमा परवेज सहित आसपास के अन्य लोग सहम उठे। घटना के बाद लोगों ने रात में आपदा कंट्रोल रूम व टोल फ्री नंबर पर कई बार संपर्क किया लेकिन संपर्क नहीं हो सका, इसके बाद मीडिया कर्मियों ने एसडीएम प्रमोद कुमार तथा मल्लीताल कोतवाली में संपर्क किया।

सूचना के बाद पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे। कुछ देर में ऊर्जा निगम कर्मी भी मौके पर पहुंचे और विद्युत सप्लाई बंद कराई। इधर होटल प्रबंधक सुरेंद्र बिष्ट ने बताया कि शनिवार को करीब दो दर्जन मजदूर लगाकर दीवार का निर्माण शुरू करा दिया गया है। घटना की जानकारी लेने के लिए 16 घंटे बाद भी कोई राजस्व कर्मी मौके पर नहीं पहुंचा। पटवारी प्रकाश सैनी का कहना है कि उनको घटना के बारे में जानकारी नहीं है।

16 घंटे बंद रहा कंट्रोल रूम का दूरभाष नंबर

जिला मुख्यालय स्थित आपदा कंट्रोल रूप का दूरभाष नंबर 16 घंटे तक ठप रहा। शुक्रवार सुबह जब जिलाधिकारी तक मामला पहुंचा तो आनन-फानन में आपदा प्रबंधन सेल की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई। इसके साथ ही वैकल्पिक नंबर भी जारी किए गए। दोपहर करीब एक बजे कंट्रोल रूम के बंद नंबर फिर से चालू हुए। डीएम ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी का स्पष्टीकरण मांगा है।

कंट्रोल रूम के वैकल्पिक नंबर जारी

डीएम के निर्देश पर शनिवार को एडीएम की ओर से वैकल्पिक नंबर जारी किए गए। एडीएम के अनुसार जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र नैनीताल में दैवीय आपदा से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान को बीएसएनएल नेटवर्क की ओर से 05942-231178, 05942-231179, 05942-231181 एवं टोल फ्री-1077 नबंर संचालित हैं। यदि किसी कारणवश इन नंबरों पर संपर्क न हो तो आपातकालीन परिचालन केंद्र का वैकल्पिक दूरभाष नंबर जियो नेटवर्क 05942-356712 तथा मोबाइल नंबर 8433092458 भी संचालित कर दिए गए हैं।

आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम व टोल फ्री नंबर खराब होने की समय पर सूचना नहीं दी गई। शिकायत मिलने के बाद नंबरों की तकनीकी खराबी दूर कर उन्हें फिर से चालू कर दिया गया है।

-विकास मेहरा, मंडल अभियंता, बीएसएनएल नैनीताल

आपदा कंट्रोल रूम का नंबर तथा टोल फ्री नंबर बंद रहना गंभीर लापरवाही है, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शैलेष कुमार से स्पष्टीकरण मांगा गया है। वैकल्पिक नंबर भी जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। आपदा प्रबंधन की कार्ययोजना में अधिकारी-कर्मचारियों की जिम्मेदारी व जवाबदेही तय की गई है। लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

-वंदना सिंह, डीएम

नैनीताल में 36 घंटे में सवा फीट बढ़ा झील का जलस्तर

सरोवर नगरी में पिछले 36 घंटे से मानसूनी वर्षा जारी है। जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो चला है। यहां झील का जलस्तर 3.7 फीट पहुंच गया है और 140 मिमी वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। शुक्रवार रात 12 बजे से यहां तेज वर्षा शुरू हुई, जो शनिवार देर शाम तक जारी थी।

शनिवार दिन में करीब एक घंटे के लिए वर्षा थमी तो झील में पर्यटकों ने नौकायन का आनंद उठाया लेकिन फिर से तेज वर्षा शुरू हो गई और नौकायन ठप हो गया। यहां दिनभर कभी रिमझिम तो कभी मूसलधार वर्षा से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा। झील में गिरने वाले नाले पूरे दिन उफान पर रहे और टहलने निकले सैलानियों की खूब फजीहत हुई। तेज वर्षा के बीच यहां माल रोड पर जलभराव हो गया।

नैनीताल-कालाढूंगी मार्ग पर वाटरफाल के समीप भूस्खलन के साथ पेड़ सड़क पर गिरा, जिस कारण कुछ देर के लिए यातायात बाधित रहा। वर्षा के चलते टैक्सी चालक, नाव व घोड़ा चालक तथा फड़ व्यापारियों का काम धंधा चौपट रहा और पर्यटन स्थलों में सूनसानी छाई रही।

मौसम विभाग के अनुसार रविवार से मौसम में कुछ सुधार आ सकता है, लेकिन वर्षा का क्रम रुक-रुक कर बने रहने की की संभावना है। इधर सिंचाई विभाग के झील नियंत्रण कक्ष के अनुसार झील में सवा फिट पानी बढ़कर जलस्तर 3.7 फीट पहुंच गया है। शनिवार को अधिकतम तापमान 20 डिग्री व न्यूनतम 14 डिग्री सेल्सियस रहा।

कुमाऊं में 92 सड़कों पर आफत की वर्षा, यातायात ठप

कुमाऊं मंडल में लगातार हो रही मानसूनी वर्षा से सड़कों को सर्वाधिक नुकसान पहुंचा है। इससे परिवहन सेवाओं पर बुरा असर पड़ा है। मंडल में मलबा आने, पहाड़ियां टूटने व भूस्खलन से 92 सड़कों पर यातायात ठप पड़ा है। पिथौरागढ़ जिले में सर्वाधिक 27 सड़कें बंद हैं।

इनमें चार राज्य मार्ग, तीन जिला मार्ग तथा शेष ग्रामीण मार्ग शामिल हैं। सड़कें बंद होने से हजारों की आबादी का जिला मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ है। कुमाऊं के अपर आयुक्त जीवन सिंह नागन्याल ने बताया कि नैनीताल जनपद में कुल 1264 सड़कों में से 22 बंद हैं जबकि अल्मोड़ा में 530 में से आठ, पिथौरागढ़ में 453 में से 27, बागेश्वर में 178 में से दस, चंपावत में 434 में से 23 सड़कें बंद हैं।

अब तक 35 आवासीय भवन पूर्ण या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। अपर आयुक्त ने बताया कि कमिश्नर दीपक रावत ने संवेदनशील क्षेत्रों में रह रहे आपदा प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित करने व उन्हें अहेतुक सहायता तत्काल मुहैया कराने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए हैं।

नैनीताल जिले में बंद सड़कें

शहीद बलवंत सिंह मार्ग बेतालघाट, गर्जिया-बेतालघाट, रामनगर-भंडारपानी, मौना-ल्वेशाल, कालापतल-सलियाकोट, मंगोली-खमारी-थापला, नौकुचियाताल-जंगलियागांव, खुजेठी-पतलिया, देवीपुरा-सौड़ बांसी, सलियाकोट-अनर्पा, ओखलकांडा-चक साडूला, स्यूरा-कोंता-ककोड़-हरीशताल, भींड़ापानी-महतोली, ढोलीगांव-अधैना, ढोलीगांव-कैंड़ागांव, पदमपुरी-सुवाकोट, देवली-महतोली, मौरनौला-भींड़ापानी, टकुरा-तुषराड़, लमजाला मार्ग, रातीघाट-बुधलाकोट, बजून-अक्सू मार्ग आदि।

धंस रही सड़क का अधिकारियों ने किया निरीक्षण

नैनीताल शहर के हल्द्वानी मार्ग पर सीवर लाइन बिछने के बाद अब धंसाव की समस्या सामने आने लगी है। वर्षा के दौरान ताकुला के समीप कई स्थानों पर सीवर लाइन के ऊपर बनी सड़क धंसने लगी है। विभागीय अधिकारियों ने मौका मुआयना कर धंस रही सड़क पर रोकथाम का कार्य शुरू करा दिया है। बीते वर्ष हनुमानगढ़ी से रूसी तक सीवर लाइन बिछाई गई थी।

सीवर लाइन बिछने के बाद सड़क निर्माण भी कर दिया गया। मगर मानसूनी वर्षा के बाद सड़क में कई स्थानों पर धंसाव होने लगा है। शनिवार को एनएच व एडीबी अधिकारियों ने संयुक्त रूप से निरीक्षण किया। अवर अभियंता गोधन मनराल ने बताया कि धंसे हुए क्षेत्र में धंसाव की रोकथाम के लिए पैचवर्क किया जा रहा है।

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