'क्या नैनीताल में एम्स की तर्ज पर खोला जा सकता है अस्पताल', हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से क्यों पूछा ये सवाल
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में शहर निवासी अशोक साह की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया है कि जिले का मुख्य अस्पताल होने के बाद भी छोटी-छोटी जांच करने के लिए सीधे हल्द्वानी भेज दिया जाता है। यहां जिले के दूरदराज क्षेत्रों से मरीज आते हैं परंतु उनकी जांच करके हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। हाई कोर्ट ने नैनीताल के बीडी पांडे पुरुष चिकित्सालय में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव होने के मामले में दायर जनहित याचिका पर केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या नैनीताल जिले में एम्स की तरह अस्पताल खोला जा सकता है। इस पर जवाब पेश करें।
कोर्ट ने न्याय मित्र अधिवक्ता विकास बहुगुणा को फिर से अस्पताल का दौरा कर स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति की जानकारी लेने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई जून में होगी।
जांच के लिए हायर सेंटर किया जा रहा रेफर
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में शहर निवासी अशोक साह की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया है कि जिले का मुख्य अस्पताल होने के बाद भी छोटी-छोटी जांच करने के लिए सीधे हल्द्वानी भेज दिया जाता है। यहां जिले के दूरदराज क्षेत्रों से मरीज आते हैं परंतु उनकी जांच करके हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है।
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अकरम परवेज ने कोर्ट को अवगत कराया कि अभी भी अस्पताल में तमाम सुविधाओं का अभाव है। मरीजों को इलाज के लिए अन्य अस्पतालों का चक्कर लगाना पड़ रहा है। सरकार की तरफ से कहा गया कि पूर्व के आदेश पर अस्पताल में कई जरूरी सुविधा मुहैया कराई गई हैं।
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