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Uttarakhand News: हाई कोर्ट ने सहकारी समितियों में महिला आरक्षण पर लगाई रोक, सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा

हाई कोर्ट ने ऊधम सिंह नगर जिले की सहकारी समितियों में अध्यक्ष पदों के लिए जारी महिला आरक्षण पर फिलहाल रोक लगाते हुए चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है। कोर्ट ने सहकारी समितियों की निर्वाचन प्रक्रिया जारी रखने के निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में खटीमा निवासी प्रकाश सिंह की याचिका पर सुनवाई हुई।

By kishore joshi Edited By: Vinay Saxena Updated: Wed, 02 Oct 2024 10:10 AM (IST)
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कोर्ट ने सहकारी समितियों की निर्वाचन प्रक्रिया जारी रखने के द‍िए निर्देश।

जागरण संवाददाता, नैनीताल। हाई कोर्ट ने ऊधम सिंह नगर जिले की सहकारी समितियों में अध्यक्ष पदों के लिए जारी महिला आरक्षण पर फिलहाल रोक लगाते हुए चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है। कोर्ट ने सहकारी समितियों की निर्वाचन प्रक्रिया जारी रखने के निर्देश दिए हैं। 

मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में खटीमा निवासी प्रकाश सिंह की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें सरकार की ओर से चार जुलाई 2024 को जारी अधिसूचना को चुनौती दी गई। इस अधिसूचना में सहकारी समितियों के अध्यक्षों और प्रतिनिधि पदों पर महिला आरक्षण घोषित किया गया था।

अधिसूचना के अनुसार 33 प्रतिशत पदों को महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया। इसी के तहत ऊधम सिंह नगर जिले की 35 सहकारी समितियों में से 12 समितियों के अध्यक्षों पदों को महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया। याचिकाकर्ता का कहना था कि यह सभी समितियां स्ववित्तपोषित हैं।

ऐसे में सरकार का यह कदम गलत है। एक समिति में अध्यक्ष का एक पद होता है, उसे आरक्षित नहीं किया जा सकता है। खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद सहकारी समितियों में अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण पर रोक लगाते हुए समितियों की निर्वाचन प्रक्रिया जारी रखने के निर्देश दिए हैं।

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