उत्तराखंड के दूरस्थ इलाकों में मुकदमों के त्वरित निस्तारण के लिए हाईकोर्ट शुरू करने जा रहा ई-कोर्ट
उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए हाई कोर्ट मुकदमों के त्वरित निस्तारण के लिए मोबाइल ई-कोर्ट शुरू करने जा रहा है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान 12 अगस्त को पांच मोबाइल ई-कोर्ट वैन को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Tue, 10 Aug 2021 05:54 PM (IST)
किशोर जोशी, नैनीताल : उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए हाई कोर्ट मुकदमों के त्वरित निस्तारण के लिए मोबाइल ई-कोर्ट शुरू करने जा रहा है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान 12 अगस्त को पांच मोबाइल ई-कोर्ट वैन को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। अदालतों से मुकदमों का बोझ कम करने की दिशा में यह कदम बेहद अहम साबित होगा।
उत्तराखंड के लिहाज से पर्वतीय जिलों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से वादकारियों को न्याय मिलने में देरी हो जाती है। दुष्कर्म, छेड़छाड़ व दहेज उत्पीडऩ की घटनाओं में पीडि़ता या गवाहों के अदालत में पहुंचने में आने वाली व्यावहारिक बाधाओं व कठिनाइयों की वजह से भी न्याय मिलने में वर्षों लग जाते हैं। त्वरित न्याय के सिद्धांत को हकीकत में बदलने के लिए हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की पहल पर राज्य के पांच जिलों में पांच मोबाइल ई-कोर्ट का संचालन शुरू किया जा रहा है।
जिला जज कराएंगे संचालन
मोबाइल ई-कोर्ट वैन पूरी तरह सुविधाओं से लैस होगी। इसमें कोर्ट रूम से लेकर प्रिंटर, कंप्यूटर समेत इंटरनेट व अन्य जरूरी उपकरण होंगे। इस कोर्ट में संभव होने पर मौके पर ही वाद का निस्तारण किया जाएगा। मोबाइल-ई कोर्ट के संचालन की जिम्मेदारी जिलों के जिला एवं सत्र न्यायाधीशों की होगी। जिला जज ही तय करेंगे कि मोबाइल वैन को दूरदराज के किन क्षेत्रों या किन मामलों के निस्तारण के लिए भेजा जाए।
12 अगस्त को वैन रवाना करेंगे चीफ जस्टिस
हाई कोर्ट के पीआरओ महेंद्र सिंह जलाल ने बताया कि 12 अगस्त को सुबह साढ़े नौ बजे हाई कोर्ट परिसर में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान अधीनस्थ अदालतों के लिए मोबाइल वैन को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। राज्य में ई-कोर्ट की विशेषताओं व कामकाज के तरीके की जानकारी देने के लिए हाई कोर्ट की ओर से 11 अगस्त को ब्रीफिंग भी की जाएगी।
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