जमरानी बांध को लेकर हाईकोर्ट ने उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने लम्बित जमरानी बांध के निर्माण कार्य प्रारम्भ नहीं होने पर सख्त रवैया अपनाया है। कोर्ट यूपी व उत्तराखंड के मुख्य सचिवों को नोटि जारी किया है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 07 Nov 2019 11:47 AM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : उत्तराखंड हाई कोर्ट ने लम्बित जमरानी बांध के निर्माण कार्य प्रारम्भ नहीं होने पर सख्त रवैया अपनाया है। कोर्ट ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। पिछले साल कोर्ट ने छह माह के भीतर सभी बाधाओं और आपत्तियों को दूर कर बांध निर्माण प्रारंभ करने के आदेश पारित किए हैं।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में गौलापार हल्द्वानी निवासी रविशंकर जोशी की अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा है कि हाईकोर्ट ने नवम्बर 2018 को उनकी जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए आदेश दिए थे कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार इसका निर्माण कार्य तीन साल में पूरा करे। इसके प्रस्ताव को दोनों सरकारों के मुख्य सचिव केंद्र को भेजे और केंद्र को इस पर शीघ्र निर्णय लेने को कहा था। कोर्ट ने छः माह के भीतर डीपीआर बनाने के निर्देश दिए थे। याचिकाकर्ता का कहना था की जमरानी बांध निर्माण का प्रस्ताव 1975 में तैयार हुआ था तब इसके निर्माण की लागत 61.25 करोड़ थी। उसके बाद 1982 में इसका निर्माण कार्य प्रारम्भ हुआ जिसमें 40 किलोमीटर लम्बी नहरों का निर्माण भी हुआ और तब से आगे का कार्य प्रारम्भ नहीं हो सका। कई बार डीपीआर बनाई गई ।2014 के डीपीआर के आधार पर इसकी लागत 2350.56 करोड़ पहुँच गयी और वर्तमान 28 सौ करोड़ पहुँच गयी है। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि कोर्ट के आदेश का पालन नही होने पर जब उन्होंने मई 2019 में आरटीआई में इसका जवाब माँगा तो सरकार ने उसके जवाब में कहा कि अभी बाँध निर्माण से सम्बंधित बहुत सी संस्तुतियां बाकी है । जिसके कारण उनको अवमानना याचिका दायर करनी पड़ी।यह भी पढ़ें : उत्तराखंड के लोगों के लिए सेना भर्ती में सुनहरा मौका, कल से पिथौरागढ़ में होगी भर्ती
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।