साउथ अफ्रीका टूर घोटाला मामले में हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया
हाई कोर्ट ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कायर्काल में हुए साउथ अफ्रीका टूर के लाखों के घोटाले के मामले सख्त रवैया अपनाया है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Fri, 15 Feb 2019 01:04 PM (IST)
उत्तराखंड, जेएनएन । हाई कोर्ट ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कायर्काल में हुए साउथ अफ्रीका टूर के लाखों के घोटाले के मामले सख्त रवैया अपनाया है।
मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए तत्कालीन पीसीसीएफ दिग्विजय सिंह खाती व लेसर होटल के मालिक मुकुंद प्रसाद से 12 प्रतिशत ब्याज की दर से रकम जमा जमा करने को कहा है साथ ही जमा की गयी धनराशि के सम्बन्ध में कोर्ट में शपथपत्र पेश करने को कहा है । अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी।
अधिवक्ता जय प्रकाश डबराल ने अपनी जनहित याचिका में कहा है कि 2006 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री नवप्रभात, पूर्व विधायक शैलेंद्र मोहन सिंघल समेत तीन वन अधिकारी और कई अन्य लोग साउथ अफ्रीका इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए साऊथ अफ्रीका टूर पर गए थे। उस दौरे में उन्होंने सरकारी धन का दुरुपयोग किया था। याचिककर्ता ने न्यायालय से मामले की जांच सीबीआई से कराने मांग की थी है। मुख्य न्यायधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने आज तत्कालीन पीसीसीएफ खाती व होटल मालिक को 12 फीसद की दर से ब्याज जमा करने के आदेश पारित किया। दोनों द्वारा ही छह किश्तों में तेरह लाख ग्यारह हजार रुपये जमा कर दिए थे। कोर्ट ने 2006 से लेकर अब तक उक्त धनराशि पर 12 प्रतिशत ब्याज जमा करने का जुर्माना लगाया है।
मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए तत्कालीन पीसीसीएफ दिग्विजय सिंह खाती व लेसर होटल के मालिक मुकुंद प्रसाद से 12 प्रतिशत ब्याज की दर से रकम जमा जमा करने को कहा है साथ ही जमा की गयी धनराशि के सम्बन्ध में कोर्ट में शपथपत्र पेश करने को कहा है । अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी।
अधिवक्ता जय प्रकाश डबराल ने अपनी जनहित याचिका में कहा है कि 2006 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री नवप्रभात, पूर्व विधायक शैलेंद्र मोहन सिंघल समेत तीन वन अधिकारी और कई अन्य लोग साउथ अफ्रीका इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए साऊथ अफ्रीका टूर पर गए थे। उस दौरे में उन्होंने सरकारी धन का दुरुपयोग किया था। याचिककर्ता ने न्यायालय से मामले की जांच सीबीआई से कराने मांग की थी है। मुख्य न्यायधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने आज तत्कालीन पीसीसीएफ खाती व होटल मालिक को 12 फीसद की दर से ब्याज जमा करने के आदेश पारित किया। दोनों द्वारा ही छह किश्तों में तेरह लाख ग्यारह हजार रुपये जमा कर दिए थे। कोर्ट ने 2006 से लेकर अब तक उक्त धनराशि पर 12 प्रतिशत ब्याज जमा करने का जुर्माना लगाया है।
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