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हाइकोर्ट ने सरयू नदी बागेश्वर में खनन कार्य में भारी मशीनों के उपयोग पर लगाई रोक nainital news

हाइकोर्ट ने सरयू नदी बागेश्वर में खनन कार्य में भारी मशीनों के उपयोग पर रोक लगा दी है। साथ ही सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Tue, 24 Mar 2020 09:02 PM (IST)
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हाइकोर्ट ने सरयू नदी बागेश्वर में खनन कार्य में भारी मशीनों के उपयोग पर लगाई रोक nainital news
नैनीताल, जेएनएन : हाइकोर्ट ने सरयू नदी बागेश्वर में खनन कार्य में भारी मशीनों के उपयोग पर रोक लगा दी है। साथ ही सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमुर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में बागेश्वर निवासी प्रमोद कुमार मेहता की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।

याचिका में कहा गया है कि बागेश्वर नगर क्षेत्र में खनन को लेकर नौ मार्च को एक निविदा प्रकाशित की गई है। स्थानीय व्यक्तियों/ संस्थाओं को सरयू में रेता उपखनिज के निस्तारण उठान हेतु खुली नीलामी आमंत्रित की गई है। जिसे याचिकाकर्ता द्वारा इस आधार पर चुनौती दी है कि खुली नीलामी के आड़ में जिला प्रशासन माफियाओं को लाभ पहुंचाने व बड़ी मशीनों के प्रयोग जेसीबी पोकलैंड मशीनों के उपयोग की अनुमति देकर पवित्र नदी के स्वरूप को खत्म करने का प्रयास कर रहा है। आज तक सरयू में बिना मशीनों के ही चुगान होता आया है। बजरी रेता कभी भी सरयू नदी में इतनी अधिक मात्रा में इकठ्ठा नहीं हुआ। नीलामी निरस्त करने को स्थानीय लोगों द्वारा जिलाधिकारी को 13 मार्च को संयुक्त प्रत्यावेदन भी दिया जा चुका था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर जनहित याचिका दायर की।

याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि कठायतबाड़ा,सेंज,द्वाली,चौरासी,भिटालगांव,मनीखेत और आरे क्षेत्र में सरयू से मैन्युअल चुगान से बजरी रेता का निष्पादन हो, जिससे नदी भी प्राकृतिक रूप में सुरक्षित रहेगी। मशीनों द्वारा खनन से पुलों व पानी के पम्प को खतरा उत्पन्न हो जाएगा। आरोप लगाया कि सरयु में रेता बजरी की मात्रा के बिना आंकलन के ही नियम विरुद्ध नीलामी की जा रही है।

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