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निकाय चुनाव: हाईकोर्ट का सरकार को फिर बड़ा झटका

नैनीताल हाई कोर्ट ने सरकार को प्रदेश के नगर पालिकाओं में नये सिरे से आरक्षण की स्थिति तय करने के आदेश दिए है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Wed, 30 May 2018 05:20 PM (IST)
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निकाय चुनाव: हाईकोर्ट का सरकार को फिर बड़ा झटका
नैनीताल, [जेएनएन]: निकाय चुनाव को लेकर डबल बैंच के फैसले से राहत महसूस कर रही प्रदेश सरकार को निकायों के परिसीमन मामले में हाईकोर्ट से जोर का झटका लगा है। कोर्ट ने 41 निकायों में से 39 के आरक्षण को लेकर जारी अधिसूचना को रद करते हुए नए सिरे से आरक्षण निर्धारण करने के आदेश पारित किए हैं। एकलपीठ के इस फैसले को सरकार खंडपीठ में विशेष अपील दायर कर चुनौती देने की तैयारी में है। कोर्ट के फैसले से अगले माह निकाय चुनाव प्रक्रिया पूरी होने पर संशय पैदा हो गया है।

सरकार की ओर से 28 अप्रैल को 41 नगरपालिकाओं में से 39 में आरक्षण की स्थिति साफ कर दी थी, जबकि बाजपुर (ऊधमसिंहनगर) व श्रीनगर (पौड़ी गढ़वाल) को इस परिधि से बाहर कर दिया गया था। बाजपुर निवासी मुस्ताक अहमद ने सरकार की इस कमी को आधार बनाते हुए याचिका दायर की।

याचिकाकर्ता का कहना था कि सरकार द्वारा जानबूझकर दो निकायों बाजपुर व श्रीनगर गढ़वाल को आरक्षण की परिधि से बाहर रखा गया, जो गलत है। सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि बाजपुर में सीमा विस्तार मामले में स्टे था, जिसके हटने के बाद फिर से प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ ने सोमवार को मामले को सुनने के बाद सरकार की 28 अप्रैल की अधिसूचना को निरस्त कर दिया है। साथ ही सरकार को श्रीनगर व बाजपुर को भी शामिल कर नए सिरे से निकायों का आरक्षण तय करने का आदेश पारित किया है।

पलटते रहे आदेश, फिर तैयारी में सरकार 

पिछले दिनों कोर्ट ने परिसीमन व सीमा विस्तार संबंधी अधिसूचना को रद कर दिया था तो सरकार ने एकलपीठ के आदेश के खिलाफ विशेष अपील दायर की। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को निरस्त कर दिया था। इधर विभागीय सूत्रों के अनुसार बाजपुर में वार्डों के परिसीमन व आरक्षण निर्धारण में कम से कम दो माह, जबकि श्रीनगर गढ़वाल में एक माह का समय लगना है। ऐसे में जून में राज्य में निकाय चुनाव संपन्न कराना मुश्किल होगा।

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