Covid-19 : हाईकोर्ट ने कहा, अधिवक्ता कल्याण निधि में फंड जमा करने को लेकर 27 तक लें निर्णय
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देशव्यापी लॉक डाउन के कारण युवा अधिवक्ताओं के समक्ष उत्पन्न संकट को देखते हुए उन्हें आर्थिक राहत देने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई की।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 23 Apr 2020 09:37 PM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देशव्यापी लॉक डाउन के कारण युवा अधिवक्ताओं के समक्ष उत्पन्न संकट को देखते हुए उन्हें आर्थिक राहत देने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई की। मामले में कोर्ट ने राज्य के वित्त सचिव, उत्तराखंड बार कौंसिल व बार कौंसिल ऑफ इंडिया से अधिवक्ता कल्याण निधि में फंड जमा करने के संदर्भ में 27 अप्रैल तक निर्णय लेने के निर्देश दिए । इस मामले की अगली सुनवाई अब 28 अप्रैल को होगी । मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज तिवारी व न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खण्डपीठ में हुई ।
गुरुवार को सुनवाई के दौरान बार कौंसिल ऑफ उत्तराखंड द्वारा कोर्ट को बताया गया है कि राज्य के न्याय सचिव ने वित्त सचिव को पत्र लिखकर अधिवक्ता कल्याण निधि हेतु फंड जारी करने की संस्तुति की है जो राज्य के वित्त सचिव के स्तर पर लंबित है । खण्डपीठ ने प्रमुख सचिव वित्त से इस मामले में 27 अप्रैल तक निर्णय लेने को कहा है । कोर्ट ने उत्तराखंड बार कौंसिल से बार काउंसिल ऑफ इंडिया से भी फंड की मांग करने को कहा है । साथ ही बार कौंसिल ऑफ इंडिया से इस संदर्भ में 27 अप्रैल तक निर्णय लेने को कहा है ।
मामले के अनुसार हाइकोर्ट के अधिवक्ता मुकेश रावत देहरादून बार एसोसिएशन के अधिवक्ता अनिल कुमार शर्मा व अधिवक्ता मनमोहन कंडवाल की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि करीब एक माह से न्यायिक कार्य बंद होने से कई अधिवक्ताओं के सामने रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है । इसलिये ऐसे अधिवक्ताओं को सरकार मार्च व बार काउंसिल ऑफ उत्तराखण्ड मार्च,अप्रैल व मई माह में दस दस हजार व पंजीकृत अधिवक्ता क्लर्कों को पांच पाँच हजार प्रति माह राहत राशि दे। इसके अलावा मकान मालिकों से किराया मांफ कराया जाय, निजी स्कूलों से अधिवक्ताओं के बच्चों से तीन माह की फीस न लेने के आदेश दिए जाएं । याचिका में अधिवक्ताओं को कोर्ट आने जाने हेतु वाहन पास की सुविधा देने की भी अपील की गई है । याचिकर्ताओं का कहना है कि बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड में उनका पर्याप्त फण्ड भी जमा है।
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