हाई कोर्ट : छह राज्यों तक फैले हैं छात्रवृत्ति घोटाले के तार, क्यों न सीबीआइ से कराएं जांच
घोटाले के तार छह राज्यों तक फैले हैं। इसे कोर्ट ने बेहद गंभीर मानते हुए कहा कि क्यों न घोटाले की सीबीआइ जांच कराई जाए।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Tue, 12 Feb 2019 11:16 AM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने करीब पांच सौ करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाला मामले में याचिकाकर्ता को सरकार के दाखिल जवाब पर प्रति शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने अगली सुनवाई 18 फरवरी नियत करते हुए सरकार से भी पूछा है कि क्यों न इस घोटाले की सीबीआइ जांच कराई जाए।सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में देहरादून निवासी राज्य आंदोलनकारी रवींद्र जुगरान की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान सरकार की ओर से करीब सौ पेज का जवाब दाखिल किया गया। इसमें एसआइटी की ओर से अब तक की गई जांच का ब्योरा भी संलग्न किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, सरकार ने दाखिल जवाब में संकेत दिए हैं कि घोटाले के तार छह राज्यों तक फैले हैं। इसे कोर्ट ने बेहद गंभीर मानते हुए कहा कि क्यों न घोटाले की सीबीआइ जांच कराई जाए। सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि मामले की एसआइटी जांच की जा रही है, जो काफी है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से इस मामले में प्रति शपथ पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 18 फरवरी नियत कर दी। बता दें कि याचिका में कहा गया था कि समाज कल्याण विभाग के छात्रवृत्ति बांटने में सैकड़ों करोड़ का घोटाला हुआ है। शिकायत के बाद विभाग ने जांच की तो विभाग ने घोटाला होने से इन्कार किया, जबकि शासन स्तर से हुई जांच में बड़े घोटाले का अंदेशा जताया गया। इसी के बाद घोटाले की एसआइटी जांच का निर्णय लिया गया। याचिका में यह भी कहा गया था कि घपलेबाजों ने सरकारी रकम को ठिकाने लगाने के लिए एक ही स्थान पर तमाम खाते खुलवाए और खाता खुलवाने के आवेदन पत्र में एक ही मोबाइल नंबर दर्शाया गया।
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