हरिद्वार के गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी की स्थापना के सम्बंध में हाईकोर्ट ने मांगा जवाब nainital news
हरिद्वार हरि की पैड़ी में गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी विवाद मामले में हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व विभाग के निदेशक सहित केंद्र उत्तराखंड और यूपी सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Fri, 20 Dec 2019 08:46 PM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : हरिद्वार हरि की पैड़ी में गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी का विवाद हाईकोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व विभाग के निदेशक सहित केंद्र, उत्तराखंड और यूपी सरकार को नोटिस जारी कर हरिद्वार में गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी की स्थापना के सम्बंध में तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है ।
जानिए क्या है पूरा मामला वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में उत्तराखंड सिख फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष गुरुदेव सिंह सहोता की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया है सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव के हरिद्वार में प्रथम आगमन पर तत्कालीन लंढौरा नरेश ने अपनी हवेली में ज्ञान गोदड़ी का आयोजन किया था। गुरु नानक के आगमन पर हरि की पैड़ी में गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के लिए जगह आवंटित की थी, जो 1976 तक इस स्थान पर थी लेकिन 1976 में हरि की पैडी के सुन्दरीकरण के नाम पर गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी को वहां से इस आश्वासन पर हटाया गया कि उसे पुनः इसी स्थान पर स्थापित किया जाएगा लेकिन इस ऐतिहासिक धरोहर व सिखों के पवित्र चिह्न को अभी तक वहां स्थापित भी नहीं किया गया।
करतारपुर कॉरीडोर के तर्ज पर विकसित करने की मांग2001 में इस मामले शिकायत राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग में की गई। आयोग के निर्देश पर हरिद्वार के तत्कालीन जिलाधिकारी ने गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी की स्थापना के लिए जगह का चयन कर शासन को भेजा गया लेकिन जांच में यह जगह उत्तर प्रदेश सरकार की निकली। इस संदर्भ में आयोग से दोबारा शिकायत करने पर दोनों सरकारों के मुख्य सचिव को निर्देश दिए थे कि गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के लिए भूमि आवंटित की जाय लेकिन यह मामला अब भी लम्बित है। याचिकाकर्ता ने इस ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने के लिए इसे करतारपुर कॉरीडोर के तर्ज पर विकसित करने को मांग की है। फेडरेशन का कहना है कि हरि की पैड़ी में निशान साहिब स्थापना के लिए जगह दी जाय।
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