ऋषिकेश में गंगा किनारे हुए अतिक्रमण मामले में हाईकोर्ट ने संबंधित विभागों से मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने ऋषिकेश में गंगा नदी के किनारे 35 बीघा रिजर्व फारेस्ट की भूमि पर अतिक्रमण के मामले में बुधवार को सुनवाई की।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 28 Nov 2019 12:59 PM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : हाईकोर्ट ने ऋषिकेश में गंगा नदी के किनारे 35 बीघा रिजर्व फारेस्ट की भूमि पर अतिक्रमण के मामले में बुधवार को सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने करते हुए राजस्व विभाग, सचिव वन, डीएफओ हरिद्वार, जिलाधिकारी देहरादून, सहित सम्बधित विभागों से दो सप्ताह में विस्तृत शपथपत्र के साथ जवाब दाखिल करने के आदेश दिए है। मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 10 दिसम्बर की तिथि नियत की है।
मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हरिद्वार निवासी अर्चना शुक्ला की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा है ऋषिकेश के निकट वीरपुर खुर्द वीरभद्र में मुनि चिदानंद द्वारा गंगा नदी के किनारे रिज़र्व फारेस्ट की आठ हेक्टेयर भूमि पर कब्जा कर वहां पर 52 कमरे, एक बड़ा हाल और गौशाला का निर्माण कर लिया है। रसूखदारों से सम्बन्ध होने के कारण विभाग व राजस्व विभाग द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही है। मुनि द्वारा अतिक्रमण कर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
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