Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

उत्तराखंड सरकार पर हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी, ‘सब चलता है’ के रवैये पर काम कर रही सरकार, कानून राज में यह खतरनाक

High Court strict remarks on Uttarakhand government हाई कोर्ट नैनीतान ब्लैक मेलिंग से जुड़े मामले में सुनवाई करते हुए उत्तराखंड सरकार पर सख्त टिप्पणी की! कोर्ट ने कहा कि सरकार ‘सब चलता है’ के रवैये पर काम कर रही है जो कि कानून के राज में बेहद खतरनाक है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Wed, 14 Sep 2022 08:10 AM (IST)
Hero Image
उत्तराखंड सरकार पर हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी, ‘सब चलता है’ के रवैये पर काम कर रही सरकार

जागरण संवाददाता, नैनीताल : High Court strict remarks on Uttarakhand government : हाई कोर्ट नैनीतान ब्लैक मेलिंग से जुड़े मामले में सरकार के रवैये पर सख्त टिप्पणी करते हुए प्रदेश के विधि सचिव से जवाब मांगा है। साथ ही ऊधमसिंह नगर के एसएसपी को भी 27 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार ‘सब चलता है’ के रवैये पर काम कर रही है, जो कि कानून के राज में बेहद खतरनाक है।

इस मामले में हाईकोर्ट कर रही थी सुनवाई

मामला रुद्रपुर में ब्लैकमेलिंग के 2019 के प्रकरण से जुड़ा है। आरोप है कि रुद्रपुर के पहाड़गंज निवासी महबूब अली ने एक महिला के साथ मिलकर पहाड़गंज निवासी 65 वर्षीय बुजुर्ग धर्मपाल को छेड़छाड़ के आरोप में फंसाने की साजिश रचकर लाखों की रुपए की रकम ऐंठ ली। पीड़ित की ओर से इस मामले की शिकायत रुद्रपुर कोतवाली में दर्ज कराई गई। पुलिस ने आरोपी महबूब अली के खिलाफ धारा 384, 504, 506 व 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया और मामले की जांच सब इंस्पेक्टर मुकेश मिश्रा को सौंप दी। पीड़ित की ओर से जांच अधिकारी को साक्ष्य के तौर पर इस प्रकरण से जुड़ी एक पेन ड्राइव भी सौंपी गयी।

जांच अधिकारी ने पेन ड्राइव का नहीं किया उल्लेख

आरोपित महबूब अली की ओर से 2021 में उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की गई। मंगलवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवीन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि जांच अधिकारी की ओर से जो जवाब दायर किया गया है, उसमें पेन ड्राइव से जुड़े ऑडियो रिकार्डिंग के बारे में उल्लेख नहीं है। वहीं अदालत के संज्ञान में आया कि आरोपित कोरोना महामारी के चलते अब भी पेरोल पर ही है।

पैरोल के मामले में कोई आदेश है?

कोर्ट ने सरकार से इस मामले में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश देते हुए पूछा कि क्या पैरोल के मामले में किसी प्रकार का कोई आदेश है? कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि 30 जून 2022, 14 जुलाई 2022, 15 जुलाई 2022 और एक सितम्बर 2022 को कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार की ओर से इस मामले में जवाब नहीं दिय गया। कोर्ट ने सरकार के कामकाज पर गंभीर रुख अख्तियार करते हुए कहा कि सरकार जमानत संबंधी मामलों के निस्तारण में कोर्ट का सहयोग नहीं कर रही है।

कानून राज में यह रवैया ठीक नहीं

कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार ‘सब चलता है’ के रवैये पर काम कर रही है, जो कि कानून के राज में बेहद खतरनाक है। सुप्रीम कोर्ट ने भी जमानत संबंधी मामलों के जल्द निपटारे के निर्देश हैं, लेकिन सरकार का रवैया इस मामले में बाधक है।

एसएसपी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश

कोर्ट ने कहा कि सरकार को इसके लिए कोर्ट के समक्ष दस्तावेज व सामग्री प्रस्तुत करनी होगी। एसएसपी को निर्देश दिए कि वह इस पूरे मामले में विस्तृत जवाब पेश करें। एसएसपी को 27 सितम्बर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा हैं। कोर्ट ने विधि सचिव को भी निर्देश दिये हैं कि वह इस मामले बताए कि दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गयी है और सरकार जवाब देने में क्यों असफल रही है।