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हाई कोर्ट ने दिए कॉर्बेट में होटल-रिसॉर्ट की नापजोख को हाई पावर कमेटी गठन के निर्देश

हाई कोर्ट ने कॉर्बेट नेशनल पार्क में बने होटल व रिसॉर्ट की नापजोख के लिए हाईकोर्ट के चार अधिवक्ताओं की हाईपावर कमेटी गठित करने को कहा है।

By BhanuEdited By: Updated: Fri, 15 Jun 2018 09:59 PM (IST)
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हाई कोर्ट ने दिए कॉर्बेट में होटल-रिसॉर्ट की नापजोख को हाई पावर कमेटी गठन के निर्देश
नैनीताल, [जेएनएन]: हाई कोर्ट ने कॉर्बेट नेशनल पार्क में बने होटल व रिसॉर्ट की नापजोख के लिए हाईकोर्ट के चार अधिवक्ताओं की हाईपावर कमेटी गठित करने को कहा है। कमेटी 18 जून तक अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी। कमेटी को जिला प्रशासन, वन विभाग व जिम कार्बेट अधिकारी सहयोग प्रदान कर कार्यवाही की वीडियोग्राफी भी करेंगे। मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ में हुई।

रामनगर के कॉर्बेट नेशनल पार्क के आसपास 44 होटल-रिसॉर्ट द्वारा सरकारी व वन भूमि पर अतिक्रमण किया गया है। मुख्य सचिव की ओर से इस आशय का हलफनामा दिया गया था। सीएस उत्पल कुमार सिंह ने दाखिल जवाब में कहा था कि सात अप्रैल को डीएम नैनीताल ने रामनगर के आसपास के रिसॉर्ट का भौतिक निरीक्षण किया।  

44 होटल मालिकों द्वारा सरकारी जमीन, वन भूमि, सरकारी बंजर जमीन, वर्ग चार की जमीन पर कब्जा किया है। तमाम रिसॉर्ट मालिकों द्वारा वन क्षेत्र में कब्जा किया है। डीएफओ कार्यालय में 2010 से इन सभी पर वन अपराध दर्ज हैं पर आज तक कार्रवाई नहीं हुई। 13 रिसॉर्ट ने तो सार्वजनिक संपत्ति पर कब्जा कर व्यावसायिक हित साध रहे हैं। इन लोगों पर एसडीएम कोर्ट में वाद लंबित हैं।

युवा ग्रामीण विकास समिति के अध्यक्ष मयंक मैनाली ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि रामनगर क्षेत्र में रिसॉर्ट मालिकों द्वारा कानून को ताक पर रखकर कोसी नदी में अवैध कब्जा कर रिजॉर्ट का निर्माण किया गया है। सीवर को बिना ट्रीटमेंट कोसी में बहाया जा रहा है। 

भवाली सेनिटोरियम को लीज पर देने पर नाराजगी

हाई कोर्ट ने स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को भवाली सेनिटोरियम लीज पर दिए जाने पर नाराजगी जाहिर की है। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ में भवाली नैनीताल निवासी मोहम्मद आजम की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। 

कोर्ट ने नैनीताल में स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव से संबंधित जनहित याचिका पर सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है। साथ ही माना है कि नैनीताल में स्वास्थ्य सेवाओं का घोर अभाव है। 

याचिका में बताया गया है कि सेनिटोरियम को 15 अगस्त 2010 को प्रमुख सचिव आयुष द्वारा ईमामी ग्रुप कोलकाता को लीज पर दे दिया। इसके खिलाफ तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश बारिन घोष व न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की खंडपीठ द्वारा स्थगनादेश दे दिया गया था, जबकि नैनीताल के युवा अधिवक्ता दीपक रुवाली की जनहित याचिका में न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया व न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की खंडपीठ ने सेनिटोरियम को मल्टी स्पेशसलिटी अस्पताल बनाने के आदेश पारित किए थे। 

डीपीआर भी बन चुकी है, मगर इसके बाद आगे की कार्रवाई नहीं हुई। इधर अधिवक्ता दीपक रुवाली की जनहित याचिका पर सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है।

पर्यटकों के लिए कार्बेट का ढिकाला जोन बंद

छह महीने गुलजार रहने के बाद कॉर्बेट पार्क का मुख्य ढिकाला पर्यटन जोन तथा बिजरानी, ढेला, झिरना में रात्रि विश्राम पर्यटकों के लिए बंद हो गया। ढिकाला में अंतिम दिन पर्यटकों ने भ्रमण के दौरान खूब मौज मस्ती की। अब इस जोन में पर्यटकों की चहलकदमी 15 नवंबर से शुरू होगी। विश्राम गृह में ठहरे सभी लौटने लगे हैं। 

बरसात के मौसम को देखते हुए कॉर्बेट पार्क का मुख्य ढिकाला जोन हर साल 14 जून से 14 नवंबर तक बंद कर दिया जाता है। क्योंकि बारिश के दौरान जंगल में नदी नाले उफान पर रहते हैं, जिससे कच्ची सड़क क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। ऐसे में पर्यटकों की सुरक्षा भी खतरे में रहती है। गुरुवार को ढिकाला भ्रमण पर गए पर्यटक शुक्रवार को बाहर आएंगे। 

अब कोई भी पर्यटक ढिकाला भ्रमण पर नहीं जा सकेगा। बता दें कि तीस जून के बाद बिजरानी पर्यटन जोन भी पर्यटकों के लिए एक अक्टूबर तक बंद हो जायेगा। कॉर्बेट पार्क बंद रहने के दौरान वन्य जीव भी स्वछंद रुप से जंगल में विचरण कर सकेंगे। 

सीटीआर के निदेशक राहुल ने बताया कि पर्यटकों के लिए ढिकाला जोन बंद कर दिया गया है। अब 15 नवंबर को कॉर्बेट प्रशासन पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार रहेगा। 

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