एनआइवीएच यौन शोषण: हार्इकोर्ट का आदेश, शिक्षक को सस्पेंड कर हो एफआइआर
हार्इकोर्ट ने एनआइवीएच मामले को लेकर संस्थान को आदेश दिए हैं कि आरोपित शिक्षक को सस्पेंड कर उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाए।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Wed, 29 Aug 2018 04:13 PM (IST)
नैनीताल, [जेएनएन]: हाई कोर्ट ने देहरादून के एनआइवीएच संस्थान में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और यौन शोषण के मामले को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने संस्थान के निदेशक को आदेश दिया है कि छेड़छाड़ के आरोपी टीचर को सस्पेंड कर उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज करें। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि संस्थान में 12 घंटों के भीतर एमबीबीएस डॉक्टर की नियुक्ति की जाए, जिससे बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके।
हार्इकोर्ट ने एनआइवीएच यौन शोषण मामले का स्वतः संज्ञान लिया है।कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने मामले की सुनवार्इ करते हुए सचिव सेंथिल पांडियन को इस जांच अधिकारी नियुक्त किया है और कहा है कि तीन दिनों के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। इसके साथ ही एसएसपी देहरादून को आदेश दिया है कि वो एनआइवीएच में रेगुलर विजिट के लिए एक महिला एसआइ के साथ दो कॉन्स्टेबलों की नियुक्ति करें। बिजली स्पलाई बाधित ना हो इसके लिये कोर्ट ने कहा है कि 48 घंटों के भीतर जनरेटर की व्यवस्था की जाए।
खंडपीठ ने सचिव सांस्कृतिक को आदेश दिया है कि एनआइवीएच में खेल मैदान बनाया जाए। साथ ही बच्चों को खेल और सास्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग कराया जाए। कोर्ट ने कहा कि ये उनकी नैतिक जिम्मेदारी भी है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि इस संस्थान में सात दिन के भीतर नियमित निदेशक की नियुक्त की जाए। मामले में अगली सुनवाई मंगलवार यानी 4 सितंबर को होगी।
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