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Holika Dahan: अद्भुत राजयाेग के संगम में जलेगी होली, भद्रा के चलते शाम के बजाय रात्रि में होगा दहन

Holika Dahan उत्तराखंड में होली बहुत ही परंपरागत ढंग से मनाई जाती है। यहां पर मान्यताओं का बहुत ही ध्यान रखा जाता है। इस बार होलिका दहन का समय बहुत ही शुभ मुहूर्त में होगा। भ्रदा नक्षत्र के चलते इस बार होलिका दहन शाम की बजाय रात्रि में किया जाएगा।

By Prashant MishraEdited By: Published: Thu, 17 Mar 2022 04:15 PM (IST)Updated: Thu, 17 Mar 2022 04:15 PM (IST)
Holika Dahan 2022: भद्रा का पुच्छ काल रात 9.04 से 10.14 बजे तक होलिका दहन का मुहूर्त बन रहा है।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Holika Dahan 2022: उत्तराखंड में होली 19 मार्च को मनाई जाएगी। होलिका दहन 17 मार्च को होगा। हालांकि मैदानी जिले में 18 को ही मनाई जा रही है। यह स्थिति भद्रा को लेकर बनी है। इसे देखते हुए प्रशासन ने 18 व 19 मार्च दो दिन अवकाश की घोषणा की है। 

पर्व निर्णय सभा के सचिव पं नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि 17 मार्च को दिन से ही भद्रा काल रहेगा। इसका पुच्छ काल रात 9.04 से 10.14 बजे तक रहेगा। इस 1 घंटा 10 मिनट के समय में ही होलिका दहन का मुहूर्त बन रहा है। यही सबसे अच्छा समय है।

जोशी का कहना है कि इस बार पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में गजकेसरी, वरिष्ठ व  केदार नामक तीन राजयोग के अद्भुत संगम में होलिका दहन पहली बार होगी। ऐसी दशा इससे पहले आज तक नहीं बनी। इस बार फाल्गुन महीने के स्वामी शनि व वसंत ऋतु के स्वामी शुक्र दोनों मित्रवत हैं और एक ही राशि में रहने वाले हैं। 

राष्ट्र के सुखद संयोग

तीन बलशाली राजयोग में होलिक दहन देश के लिए सुखद संकेत देने वाला है। व्यापार के लिए लाभकारी स्थितियां बनेेंगीं। देश में बीमारियों का प्रकोप कम होगा। मंहगाई आगे चलकर नियंत्रित रहेगी साथ ही प्रापर्टी के बिजनेस में भारी उछाल आएगा।

दहन के बाद से शुरू होंगे मांगलिक कार्य

होलिका दहन के बाद फिर से मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। होलिका दहन 17 मार्च को होगा। उत्तराखंड पर्व निर्णय सभा के अध्यक्ष डा. जगदीश चंद्र भट्ट का कहना है कि होलाष्टक में शुभ कार्य वर्जित होने का संदर्भ भक्त प्रहलाद व कामदेव से जुड़ा है।

कहा जाता है कि राजा हिरण्यकश्यप ने बेटे प्रहलाद को फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से होलिका दहन तक कई प्रकार की यातनाएं दी थीं। भगवान शिव ने फाल्गुन अष्टमी के दिन कामदेव को अपने क्रोध अग्नि से भस्म कर दिया था। इस कारण होलाष्टक में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।

इस दौरान विवाह, यज्ञोपवीत, मुंडन आदि शुभ कार्य नहीं करते। जप, तप, ध्यान आदि जरूर करना चाहिए। उत्तराखंड में छरड़ी यानी रंगों की होली 19 मार्च को रहेगी।


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