Uttarakhand Home Stay Scheme: पर्यटन का एक पैकेज है होम स्टे, संस्कृति, खानपान के साथ रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
Uttarakhand Home Stay Scheme होमस्टे योजना प्रदेश सरकार पलायन रोकने के लिए व क्षेत्र में ही रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से चला रही है। इसमें सरकार की तरफ से अच्छी सब्सिडी भी दी जाती है। पर्यटन विभाग 30 लाख रुपये तक ऋण मुहैया करा रहा है।
By Prashant MishraEdited By: Updated: Mon, 01 Aug 2022 06:12 PM (IST)
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: Uttarakhand Home Stay Scheme उत्तराखंड में होम स्टे योजना तेजी से भी विकसित हो रही है। इसमें पर्यटक स्थानीय संस्कृति व खानपान से रूबरू हाेते हैं। इसके साथ ही युवाओं को रोजगार भी मिलता है। इससे पलायन व बेरोजगारी दूर होती है।
छोटे उद्यमी उठाएं लाभ
जिलाधिकारी रीना जोशी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में होम स्टे योजना को आगे बढ़ाया जा रहा है। गुणवत्ता सुधार में रूरल बिजनेस इंक्यूवेटर की महत्वपूर्ण भूमिका है। होम स्टे संचालक इसका भरपूर लाभ उठाएंगे। रोजगार और पलायन को रोकने में लघु और मझौले उद्योगों के साथ ही होमस्टे योजना भी लाभप्रद साबित होगी।
कार्यशाला का आयोजन
सोमवार को डीएम ने होम स्टे योजना के तहत रूरल बिजनेस इंक्यूवेटर ओरीएंटेशन कार्यशाला का शुभारंभ किया। डीएम ने कहा कि राज्य पर्यटन प्रदेश है। जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश में निरंतर पर्यटन विकास हो रहा है। ऐसे में पर्यटन को बढावा देने के लिए होमस्टे की महत्वपूर्ण भूमिका है।हर आयाम से उपयोगी है होमस्टे
शहरी क्षेत्रों की भागदौड़ भरी दिनचर्या से पर्यटक कुछ दिन चैन से बिताने के लिए पहाडों की ओर रूख करते हैं। दूर व एकांत में प्रवास करना पसंद करते हैं। संस्कृति, पारंपरिक भोजन आदि उन्हें पसंद आता है। होमस्टे में उन्हें घर जैसा माहौल व भोजन मिले यह आवश्यक हैं।
उन्होंने होमस्टे स्वामियों से कहा कि वह रूरल बिजनेस इंक्यूवेटर से जुड़ेंगे। होमस्टे की अच्छी फोटोसूट, लोकेशन व अन्य प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियां अपलोड करें। पर्यटक आफलाइन के साथ-साथ आनलाइन भी उन्हें सर्च कर सकेंगे।
30 लाख रुपये तक ऋण मुहैया करा रहा पर्यटन विभाग
पर्यटन सीजन में अक्सर होटल फुल हो जाते हैं, ऐसे में होम स्टे ही पर्यटकों का सहारा बनते हैं। सरकार पलायन रोकने के लिए व क्षेत्र में ही रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से होम स्टे बनाने के लिए अच्छी खासी सब्सिडी भी देती है। पर्यटन विभाग 30 लाख रुपये तक ऋण मुहैया करा रहा है।
इतना ही नहीं ऋण पर 50 फीसद सब्सिडी है। बैंक ब्याज पर 50 प्रतिशत और अधिकतम 1.50 लाख रुपये प्रति वर्ष भी पर्यटन विभाग जमा करेगा। ऋण जमा करने के लिए पांच वर्ष का समय दिया गया है।
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