छापामारी के बाद हुक्का बार संचालकों में खलबली, और भी हो सकते हैं अवैध
कालाढूंगी रोड पर मुखानी चौराहे के समीप फूड लाइसेंस के नाम पर हुक्का बार चलने की शिकायत पर शनिवार को प्रशासन ने छापामारी की।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 03 Feb 2019 06:19 PM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : कालाढूंगी रोड पर मुखानी चौराहे के समीप फूड लाइसेंस के नाम पर हुक्का बार चलने की शिकायत पर शनिवार को प्रशासन ने छापामारी की। पुलिस और खाद विभाग के साथ हुई कार्रवाई में मौके से कई हुक्के समेत अन्य सामान मिला है। सभी सामान सीज कर कैफे संचालक को नोटिस दिया गया है। पूनम हत्याकांड कांड के बाद प्रशासन और पुलिस की लगातार कार्रवाई से फूड कैफे की आड़ में हुक्का बार संचालकों में खलबली मची हुई है।
कई दिनों से शिकायत मिलने पर शनिवार शाम को सिटी मजिस्ट्रेट मुखानी स्थित मून शाइन कैफे पहुंच गए। कैफे संचालक ने केवल चायनीज और चिकन की बिक्री के लिए फूड लाइसेंस लिया था। छापे के दौरान उसने यह लाइसेंस तो दिखाया, लेकिन हुक्का पिलाने को लेकर किसी भी तरह का लाइसेंस नहीं दिखा सका। इसके चलते सिटी मजिस्ट्रेट ने क्लब में रखा सामान जब्त करा लिया। मौके से 13 हुक्के, 11 पाइप, 8 चिलम बरामद हुए। सभी सामान जब्त कर हीरानगर पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। पूछताछ में पता चला कि कैफे का लाइसेंस काशीपुर के दानिश के नाम पर लिया गया है। जबकि उसे आसिफ नाम का युवक देखता है। दानिश को नोटिस देकर सात दिन के भीतर हुक्का बार चलाने के अभिलेख दिखाने के लिए कहा गया है। अगर निर्धारित अवधि में संचालक हुक्का बार के अभिलेख नहीं दिखा पाया तो उसके ऊपर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। हीरानगर चौकी प्रभारी निर्मल लटवाल ने बताया कि हुक्का बार से जब्त सामान की जांच की जाएगी। अगर उसमे नशे की मात्रा मिली तो कानूनी कार्रवाई होगी। छापामारी के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारी कैलाश चंद्र टम्टा भी मौजूद थे।
ऐसे स्मोकिंग करवाना ठीक नहीं- सिटी मजिस्ट्रेट
सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि मद्यपान निषेद्य विभाग भी इस तरह स्मोकिंग करने की अनुमति नहीं देता है। स्मोकिंग में कई तरह के पदार्थ मिलाने की शिकायत मिल रही थी, लेकिन संचालकों का तर्क है कि वह केवल फ्लेवर ही इस्तेमाल करते हैं। कहीं से भी अनुमति न होने पर यह कार्रवाई की गई है।
पहले भी हुई थी कार्रवाई, फिर भी नहीं चेते
पूनम हत्याकांड को लेकर शहर में चार महीने पहले तीन हुक्का क्लबों पर कार्रवाई हुई थी। नैनीताल रोड व दुर्गा सिटी सेंटर स्थित दो सेंटर का सामान भी जब्त कर लिया गया था। हालांकि, इस मामले में किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई। इसका कारण था कि किसी तरह के स्पष्ट नियम नहीं हैं। तब छापेमारी के दौरान तमाम नाबालिग भी पकड़े गए थे। इनमें अधिकांश रईस घरों के थे।
नशे का ही एक रूप है यह धुआं हुक्का क्लबों में धुआं उड़ाना यानी स्मोकिंग करना युवाओं का शौक बनता जा रहा है। नाबालिग भी इसमें पीछे नहीं हैं, जो इन क्लबों में रात-रात भर होज पाइप से लंबा कश लेकर धुआं उड़ाते हैं। जब नशे की लत पड़ जाती है, तो घर के लिए मुसीबत बन जाते हैं। कई बार युवा मान लेते हैं कि पानी के बीच से धुआं आने से नुकसान कम होता है, जबकि चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें भी कोयले का इस्तेमाल होता है। इससे हाइड्रो कार्बन निकलता है। इसलिए नुकसान होने की आशंका रहती है।
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