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coronavirus : कनिका के बाद डंपी ने बरती लापरवाही, सीमा सील होने के बाद भी उत्‍तराखंड में कैसे घुसे

कोरोना संक्रमित बॉलीवुड गायिका कनिका कपूर के बाद उस पार्टी के आयोजक पूर्व सांसद अकबर अहमद डंपी की हरकतें इस समय सुर्खियों में हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 21 Mar 2020 09:24 PM (IST)
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coronavirus : कनिका के बाद डंपी ने बरती लापरवाही, सीमा सील होने के बाद भी उत्‍तराखंड में कैसे घुसे
रुद्रपुर, जेएनएन : कोरोना संक्रमित बॉलीवुड गायिका कनिका कपूर के बाद उस पार्टी के आयोजक पूर्व सांसद अकबर अहमद डंपी की हरकतें इस समय सुर्खियों में हैं। डंपी का लखनऊ से लंबा सफर तय कर उत्‍तराखंड में चुपचाप घुस आना और लोगों से मिलना-जुलना प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर रहा है। काेराना से जंग में एक तरफ जहां सरकार प्रदेश की सीमा को सील करने का दावा रही है, वहीं देश की सबसे चर्चित पार्टी के आयोजक की गतिविधियों पर ध्‍यान ही नहीं दिया गया। इस दौरान वे किन लोगों से मिले, कहां-कहां गए इसका भी प्रशासन व खुफिया विभाग के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। बता दें कि उत्‍तराखंड में काेरोना संक्रमित तीन लोग मिल चुके हैं।

एडवाइजरी जारी होने के बावजूद कैसे घुस आए डंपी

शुक्रवार को एडवाइजरी जारी की गई थी कि उत्‍तराखंड की सीमा में आने-जाने वालों की चेकिंग की जाएगी। हैरानी यह है कि पूर्व सांसद गुपचुप तरीके से कार से शुक्रवार रात अपने फार्म बखपुर किच्छा यूएस नगर चले आए। कथित तौर पर प्रशासन ने बार्डर पर आने वालों की जांच के लिए टीमें तैनात कर दी हैं, इसके बावजूद पूर्व सांसद डंपी अपने फार्म पर पहुंच गए। डंपी कैसे बिना जांच के उत्‍तराखंड में प्रवेश कर गए, इसकी भनक प्रशासन व पुलिस को नहीं लग सकी।

डंपी ने नहीं बरता संयम, क्‍यों आए उत्‍तराखंड

लखनऊ से बाई रोर्ड आते हुए डंपी रास्ते में कई लोगों से मिले होंगे। अपने फार्म पर आने के बाद भी आसपास के लोगों से मिले होंगे। ऐसी स्थिति में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ सकती है। हालांकि प्राथमिक जांच में उनमें और उनके साथ आए युवक में कोरोना की अभी पुष्टि नहीं हुई है। फिर भी 14 दिनों तक संक्रमण के उभरने की आशंका बनी रहती है। लोगों का कहना है कि डंपी को कनिका कपूर में संक्रमण का पता चल गया था तो उन्‍हें उत्‍तराखंड आने की क्‍या जरूरत थी। वो लखनऊ में ही क्‍याें नहीं अपने घर पर आइसोलेट रहे।

शनिवार सुबह प्रशासन को मिली जानकारी

डींपी शुक्रवार देर शाम बिना किसी जांच के किच्‍छा बखपुर गांव स्थित अपने फार्महाउस पहुंचे। इसकी जानकरी समाजसेवी व उद्योगपति विजय पाल यादव लाला ने शनिवार सुबह प्रशासन को दी । जिसके बाद प्रशासन ने स्‍वास्‍थ्‍य टीम को अवगत कराया। डॉ. सीएस टोलिया व डॉ. अंकित कांडपाल के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके फार्महाउस पहुंच गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गाइडलाइन के तहत उनके स्वास्थ्य की जांच की। फिलहाल उनमें कोरोना वायरस संबंधित कोई लक्षण नहीं मिला है। उन्‍हें 14 दिनों तक होम क्‍वारंटाइन रहने के निर्देश दिए गए हैं।

आखिर बार्डर पर क्या कर रही थी टीम

राज्य में बाहरी लोगों के आने व यहां से बाहर जाने वालों पर रोक लगा दी गई है। ऐसे में पुलभट्टा मार्ग से डंपी कैसे प्रवेश कर गए यह सवाल गंभीर है। जांच के लिए तैनात टीम क्या कर रही थी। बिना जांच के ऐसे कितने लोग जिले में प्रवेश कर गए होंगे यह भी सोचने वाली बात है। इससे जिला प्रशासन व पुलिस की चौकसी पर सवाल उठने स्‍वाभाविक हैं। वहीं डंपी जब फार्म पर पहुंचे तो प्रशासन को इसकी नहीं लगी। शनिवार को जब मीडिया के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को जानकारी लगी तो अफसरों के होश उड़ गए।

बसपा से दो बार सांसद रहे हैं अकबर अहमद डंपी

संजय गांधी से घनिष्ठता के कारण डंपी कांग्रेस में सक्रिय हुए थे। किच्छा क्षेत्र का निवासी होने के कारण अकबर अहमद डंपी ने अपना पहला चुनाव 1980 में हल्द्वानी विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर लड़ते हुए जीता था। इस दौरान संजय गांधी की विमान दुर्घटना में आकस्मिक मृत्यु के बाद उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कहते हुए काशीपुर विधानसभा से चुनाव लड़ा और निर्दल रहते हुए भी जीत हासिल की। फिर उन्होंने अपना नाता बसपा से जोड़ लिया और आजमगढ़ अपने गृह क्षेत्र में सक्रिय हो गए। उन्होंने बसपा के टिकट पर 1998 व  2009 में आजमगढ़ से चुनाव लड़ा और दो बार सांसद रहे। 1998 में उनका विवाह बॉलीवुड की हस्ती नैना बलसावर से हुआ और उन्होंने नैनीताल लोकसभा से ताल ठोक दी।

उत्‍तर प्रदेश के पहले आइजी थे डंपी के पिता थे

1998 में पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी के सामने बसपा के टिकट पर नैना बलसावर लड़ी पर वह जीत नहीं सकीं। उसके बाद से ही वह कुमाऊं की राजनीति में भले ही निष्क्रिय हो गए पर उनके आते ही उनके फार्म पर महफिल सजने लगती हैं। अकबर अहमद डंपी के परिवार का रसूख राजनीति के साथ ही प्रशासन में भी खूब रहा है। उनके पिता इस्लाम अहमद का अपना अलग ही रसूख रहा है। आजादी से पहले के पुलिस अधिकारी रहे और आजादी के बाद उत्तर प्रदेश के पहले आइजी थे।

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