पिता ने बेटी को बहाने से बुलाया और कर लिया कैप्चर, कैसे मिले दो प्यार करने वाले? आगे की कहानी बेहद रोचक
Uttarakhand News हाई कोर्ट ने पत्नी को उसके पिता के संरक्षण से मुक्त कराने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस को विवाहित जोड़े को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया है। पत्नी ने अपने पति के साथ जाने की इच्छा जताई है। कोर्ट ने पिता को बेटी के सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्र और मोबाइल फोन उसे सौंपने का निर्देश दिया है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल । Uttarakhand News: हाई कोर्ट ने पिथौरागढ़ निवासी हर सिंह बिष्ट की ओर से 27 वर्षीय पत्नी को उसके पिता के संरक्षण से रिहा करने की मांग वाली बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर पुलिस को विवाहित जोड़े को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया है।
सुनवाई के दौरान पत्नी ने अपने पति के साथ जाने की इच्छा जताई। कोर्ट ने पिता को बेटी के सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्र और मोबाइल फोन उसे सौंपने का निर्देश दिया। इस पर पिता ने कोर्ट के समक्ष सहमति जताई।
याचिका में हर सिंह बिष्ट ने आरोप लगाया कि देहरादून यातायात पुलिस में कांस्टेबल पद पर कार्यरत ससुर ने भाई की बीमारी के बहाने उसकी पत्नी को पैतृक गांव जाने के लिए कहा। मायके पहुंचने पर उसे उसकी इच्छा के विरुद्ध अवैध रूप से वहां रोके रखा।
सुनवाई के दौरान युवती ने पति के साथ रहने की इच्छा जताई और कहा कि अपने पिता की धमकियों के कारण पति के साथ नहीं जा पाई। उसके शैक्षणिक व जीएनएम कोर्स के प्रमाण पत्र और मोबाइल फोन भी पिता के पास हैं।
वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने आदेश पारित करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता अपनी पत्नी के साथ पिथौरागढ़ जाने का इच्छुक है, इसलिए एसपी पिथौरागढ़ यह सुनिश्चित कराएं कि इस दौरान दोनों को कोई नुकसान न पहुंचने पाए।
विवाहित जोड़े को सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश
अदालत ने महिला के पिता को उसके सभी शैक्षिक प्रमाण पत्र और मोबाइल फोन बेटी के हवाले करने का का निर्देश दिया, इस पर उन्होंने अदालत के समक्ष सहमति जताई। हर सिंह बिष्ट ने युवती के साथ विवाह के सबूत के तौर पर अदालत में कईं तस्वीरें पेश कीं।