'मैंने हार नहीं मानी, 7 बार दिया UPSC का इंटरव्यू', उत्तराखंड के डीआईजी डॉ. भरणे ने युवाओं को किया प्रेरित
एमबीपीजी कालेज में शुक्रवार को विधिक साक्षरता एवं सहायता प्रकोष्ठ की ओर से उत्तराखंड के विकास में युवाओं का योगदान एवं सफल जीवन को लेकर गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें पहुंचे DIG भरणे ने लोगों को संघर्ष से जी न चुराने की सीख देते हुए अपनी कहानी बताई।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहिए। जब तक लक्ष्य हासिल न कर लें, लगे रहें, प्रयास करते रहें। यह कहना है डीआइजी डॉ. नीलेश आनंद भरणे का। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मैंने संघर्ष से कभी हार नहीं मानी, इसलिए असफल होने के बावजूद सात बार संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी का इंटरव्यू दिया।
एमबीपीजी पहुंचे थे डीआईजी भरणे
एमबीपीजी कालेज में शुक्रवार को बहुउद्देशीय सभागार में विधिक साक्षरता एवं सहायता प्रकोष्ठ की ओर से उत्तराखंड के विकास में युवाओं का योगदान एवं सफल जीवन को लेकर गोष्ठी का आयोजन किया गया थी। डीआइजी डॉ. नीलेश आनंद भरणे इसमें बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। इसी दौरान उन्होंने लोगों को संघर्ष से जी न चुराने की सीख देते हुए अपनी कहानी बताई।
केवल सपने देखने और सोचने से कुछ नहीं होता
डीआइजी ने कहा कि जीवन में सफलता पाने के लिए सपने देखने और सोचने से कुछ नहीं होता। उसके लिए लक्ष्य निर्धारित कर कठोर परिश्रम भी करना जरूरी है। इस दौरान डीआईजी ने विद्यार्थियों से ट्रैफिक के नियम का पालन करने और नशे से दूर रहकर अनुशासित जीवन जीने के लिए भी प्रेरित किया।
सेना में करिअर बनाने के लिए परीक्षाओं की दी जानकारी
पूर्व जिला सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर बीएस रौतेला ने विद्यार्थियों को सेना में करिअर बनाने के लिए विभिन्न भर्ती परीक्षाओं की जानकारी दी। भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा भूतपूर्व सैनिकों एवं सेवारत सैनिकों के परिवार के सदस्यों के लिए और आश्रितों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दी। कार्यक्रम में प्राचार्य डा. एनएस बनकोटी, वरिष्ठ प्राध्यापक डा. बीआर पंत, मुख्य समन्वयक डा. एचएस भाकुनी, प्रो. अनिल कपूर डब्बू, हुकुम सिंह कुंवर, डा. प्रभा पंत, डा. गोविंद बोरा, डा. महेश कुमार आदि मौजूद रहे।
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