अगर आप में भी है ये लक्षण तो हो जाएं सचेत, पेट की ये बीमारी बना सकती है शिकार; समय रहते डॉक्टर से लें परामर्श
Pancreatitis नीलकंठ अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डा. अपूर्व गुप्ता ने बताया कि यह बीमारी एल्कोहल के अधिक सेवन से लेकर फास्ट फूड व सैचुरेटेड फूड की वजह से भी होती है। डा. गुप्ता रविवार को दैनिक जागरण के हैलो डाक्टर कार्यक्रम में उपस्थित थे। उन्होंने कुमाऊं भर से फोन करने वाले लोगों को बीमारी के बारे में जानकारी दी और बचाव के लिए टिप्स भी दिए।
By ganesh joshiEdited By: riya.pandeyUpdated: Sun, 19 Nov 2023 05:45 PM (IST)
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। अगर भूख कम हो गई है। पैंक्रियाज यानी पेट फूलना, थकान, पेट में जलन और पेट साफ न होने जैसी समस्या बढ़ते ही जा रही है तो आपको सचेत हो जाना चाहिए। इस तरह के लक्षण पैंक्रियाटाइटिस के भी हैं इसलिए समय रहते डाक्टर से परामर्श ले लें।
नीलकंठ अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डा. अपूर्व गुप्ता ने बताया कि यह बीमारी एल्कोहल के अधिक सेवन से लेकर फास्ट फूड व सैचुरेटेड फूड की वजह से भी होती है। डा. गुप्ता रविवार को दैनिक जागरण के हैलो डाक्टर कार्यक्रम में उपस्थित थे। उन्होंने कुमाऊं भर से फोन करने वाले लोगों को बीमारी के बारे में जानकारी दी और बचाव के लिए टिप्स भी दिए। पेश है बातचीत पर आधारित संक्षिप्त रिपोर्ट :-
पैंक्रियाटाइटिस का बढ़ने का कारण
डा. गुप्ता के अनुसार पैंक्रियाज हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण भाग है। पैंक्रियाज शरीर में कुछ ऐसे एंजाइम काे पैदा करता है जिससे भोजन आसानी से पचता है। यह शरीर में ब्लड शुगर लेवल को भी नियंत्रित रखने के लिए इंसुलिन का उत्पादन भी करता है।पैंक्रियाज में कोई भी समस्या होने पर इसके लक्षण शरीर के बाहर दिखने लगते हैं। बैड कोलस्ट्राल (एलडीएल) पैंक्रियाटाइटिस का बड़ा कारण है। यह बैड कोलस्ट्राल रिफाइंड तेल, डालडा, मक्खन, मांस, जंक व फास्ट फूड, तली-भुनी चीजों व एल्कोहल के अधिक सेवन में होता है। इसे ही सैचुरेटेड फैट कहते हैं। इन चीजों के सेवन से दूर रहें।
इनका करें सेवन
सरसों का तेल, मूंगफली, नारियल, सूरजमुखी, जैतून का तेल फायदेमंद है। इसमें गुड कोलस्ट्राल (एचडीएल) होता है। इसका प्रयोग बढ़ाएं।जिम करने वाले युवा भी पीड़ित
डा. गुप्ता ने एक फोन काल के जवाब में कहा कि जिम में बाडी बनाने की जिद में युवा बहुत अधिक प्रोटीन डाइट व सप्लीमेंट लेते हैं जो पैंक्रियाटाइटिस का रोगी बना रहा है। इसलिए यह बीमारी अब कम उम्र में भी होने लगी है। ऐसे में युवाओं को जिम में बाडी बनाने के बजाय खुद को स्वस्थ व सक्रिय बनाने पर जोर देना चाहिए।
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