दो साल जिसकी दुकान में रहा, उसी की बेटी भगा ले गया इमरान, आर्य समाज मंदिर में हिंदू बताकर की शादी
ऊधमसिंह नगर के सितारगंज में एहसानफरामोशी का नमूना देखने को मिला। जिसे बेसहारा जानकर अपने यहां शरण दी साथ ही रोजगार दिलाकर पेट पालने का सहारा दिया उसी घर की बेटी को भगाकर शादी रचा ली। एक पल को मददगार परिवार की इज्जत का ख्याल तक नहीं आया।
By Prashant MishraEdited By: Updated: Tue, 12 Apr 2022 11:40 PM (IST)
जागरण संवाददाता, सितारगंज : लव जिहाद, साजिश या फिर विश्वासघात। पंडरी में जिस सिख परिवार ने बेरोजगार इमरान को सैलून के लिए दुकान किराये पर दिया उसी की बेटी को भगा ले गया। निकाह में दिक्कत हुई तो दिल्ली आर्य समाज मंदिर में खुद का नाम राहुल बता शादी रचा ली। इस बीच सितारगंज पुलिस ने दबाव बनाया तो वह मंगलवार को शादी का प्रमाण पत्र लेकर पुलिस के पास हाजिर हो गया।
तो इसलिए आर्य समाज मंदिर को चुना
असल में आर्य समाज मंदिर में शादी के लिए दोनों पक्ष हिंदू होने चाहिए। इसके अतिरिक्त और किसी शर्त की जरूरत नहीं होती। स्पेशल मैरिज एक्ट के प्रविधान जिसमें नोटिस जारी करना, पब्लिक नोटिस जारी करना, शादी को लेकर ऐतराज मांगना आदि शर्त आर्य समाज मंदिर में होने वाली शादी पर लागू नहीं होता। यही कारण है कि घर से सिख युवती को भगाने के बाद इमरान सीधे दिल्ली पहुंचा और वहां खुद को ङ्क्षहदू बता शादी रचा ली।
चार अप्रैल को ही हो गया था फरार इमरान चार अप्रैल को ही युवती को लेकर फरार हो गया था। युवती की मां ने आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। मंगलवार को अचानक इमरान युवती के साथ कोतवाली पहुंचा। उसने पुलिस के समक्ष विवाह के साक्ष्य प्रस्तुत किए।
कार्रवाई से बचने को धर्म परिवर्तन की कहानी गैरमुस्लिम युवती को लेकर भागे इमरान ने कार्रवाई से बचने के लिए पुलिस के समक्ष धर्म परिवर्तन की कहानी बयां कर दी। हालांकि वह इसका प्रमाण नहीं दे सका कि किसने उसका धर्म परिवर्तन कराया। कहां कराया। धर्म परिवर्तन की विधि क्या अपनाई।
कोर्ट में सुनवाई एसएसआइ योगेश कुमार ने बताया कि दोनों को न्यायालय में पेश किया गया। कोर्ट ने युवती का पक्ष सुना है। आगे की सुनवाई बुधवार (आज) होगी, फिर जैसा कोर्ट का आदेश होगा कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल युवती बालिक है। इमरान ने सुरक्षा को लेकर कोर्ट में अपील की है, जो कि अभी विचाराधीन है।
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