फर्जी डिग्री मामले में कुमाऊं विवि के ढुलमुल रवैये पर उठे सवाल
आस्ट्रेलिया व कनाडा दूतावास से सत्यापन को भेजी गई डिग्रियों के फर्जी साबित होने के बाद भी कुमाऊं विवि ने अभी तक मुकदमा नहीं दर्ज कराया है।
By Edited By: Updated: Mon, 07 Jan 2019 06:36 PM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : आस्ट्रेलिया व कनाडा दूतावास से सत्यापन को भेजी गई डिग्रियों के फर्जी होने के मामले में कुमाऊं विवि का ढुलमुल रवैया गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है। एक सप्ताह बीतने के बाद भी विवि परीक्षा विभाग परीक्षार्थियों के नाम-पतों की जानकारी मांगने को भेजी गई ई-मेल का जवाब नहीं मिलने का बहाना बनाकर मामले को दबाने में लगा है।
दरअसल, पिछले दिनों कनाडा व आस्ट्रेलिया दूतावास से विवि परीक्षा विभाग के पास सत्यापन के लिए 50 से अधिक डिग्रियां भेजी गई थीं। इनमें अधिकांश डिग्रियां ऐसे कोर्स की हैं, जो विवि परिसर या संबद्ध कॉलेजों में संचालित हीं नहीं हैं। ऐसे में परीक्षा विभाग को डिग्रियों के प्रथमदृष्टया फर्जी होने के बाद ही पुलिस के पास प्राथमिकी दर्ज करानी चाहिए थी, मगर कुलपति प्रो. डीके नौडि़याल के मुकदमा दर्ज करने के आदेश के बाद भी तहरीर नहीं दी गई। इसके पीछे दलील दी गई कि डिग्रियों में संबंधित छात्र-छात्रा का नाम तो है, मगर पता नहीं है, जबकि पुलिस अज्ञात शख्स पर भी मुकदमा दर्ज करती रही है और यह जिम्मेदारी जांच एजेंसी की है कि संबंधित का नाम, पता लगाकर उसकी गिरफ्तारी करे।
विवि में फर्जी डिग्रियों की खेप मिलने का यह पहला बड़ा मामला उजागर होने के बाद परीक्षा विभाग का ढुलमुल रवैया हर किसी को अखर रहा है। कुलपति प्रो. डीके नौडि़याल का कहना है कि इस मामले में सोमवार को बैठक बुलाने के बाद मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। उन्होंने साफ कर दिया है कि मामले में उनके स्तर से मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
दरअसल, पिछले दिनों कनाडा व आस्ट्रेलिया दूतावास से विवि परीक्षा विभाग के पास सत्यापन के लिए 50 से अधिक डिग्रियां भेजी गई थीं। इनमें अधिकांश डिग्रियां ऐसे कोर्स की हैं, जो विवि परिसर या संबद्ध कॉलेजों में संचालित हीं नहीं हैं। ऐसे में परीक्षा विभाग को डिग्रियों के प्रथमदृष्टया फर्जी होने के बाद ही पुलिस के पास प्राथमिकी दर्ज करानी चाहिए थी, मगर कुलपति प्रो. डीके नौडि़याल के मुकदमा दर्ज करने के आदेश के बाद भी तहरीर नहीं दी गई। इसके पीछे दलील दी गई कि डिग्रियों में संबंधित छात्र-छात्रा का नाम तो है, मगर पता नहीं है, जबकि पुलिस अज्ञात शख्स पर भी मुकदमा दर्ज करती रही है और यह जिम्मेदारी जांच एजेंसी की है कि संबंधित का नाम, पता लगाकर उसकी गिरफ्तारी करे।
विवि में फर्जी डिग्रियों की खेप मिलने का यह पहला बड़ा मामला उजागर होने के बाद परीक्षा विभाग का ढुलमुल रवैया हर किसी को अखर रहा है। कुलपति प्रो. डीके नौडि़याल का कहना है कि इस मामले में सोमवार को बैठक बुलाने के बाद मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। उन्होंने साफ कर दिया है कि मामले में उनके स्तर से मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
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