पांच महीने में एक मर्ज का दस साहबों ने जाना दर्द, इलाज किसी के पास नहीं nainital news
चोरगलिया के लोग हर साल बारिश का सीजन शुरू होते ही परेशान हो जाते हैं। आश्चर्य की बात है कि अधिकारी परेशानी जानने तो आते हैं पर निस्तारण कोई नहीं करता है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 01 Dec 2019 11:48 AM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : चोरगलिया के लोग हर साल बारिश का सीजन शुरू होते ही परेशान हो जाते हैं। वजह नंधौर नदी के बहाव से होने वाला कटाव है। इसकी जद में एक दर्जन गांव के साथ वन विभाग का बंगला भी है। स्थानीय बाशिंदों ने जब हल्द्वानी पहुंचकर अफसरों को अपनी पीड़ा बताई तो पांच माह में एक के बाद एक दस से ज्यादा अफसर एक ही दर्द जानने पहुंच गए, पर अफसोस कि समाधान किसी से नहीं निकला, जो भी आया उसने महज आश्वासन का मरहम लगाने का प्रयास किया।
साल भर लगभग सूखी रहने वाली नंधौर नदी में बारिश के दौरान पानी उफान मारने लगता है। पानी का डायवर्जन सही नहीं होने से वह आबादी की ओर बढ़कर जमकर कटाव करता है। चिंतित ग्रामीण प्रशासन, वन विभाग, सिंचाई विभाग से लेकर जनप्रतिनिधियों तक के दर्जनों चक्कर काटकर लंबे समय से समाधान की मांग कर रहे हैं, जिसके चलते लगातार अफसरों ने यहां पहुंचकर स्थिति का जायजा भी लिया। लेकिन समस्या और समाधान के बीच की दूरियां खत्म नहीं हो सकीं।
पांच माह में पहुंचने वाले अफसरडीएम सविन बंसल, वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त डॉ. पराग मधुकर धकाते, डीएफओ महातिम यादव दो बार, ईई सिंचाई दो बार, एसडीओ दो बार, एसडीएम दो बार, भू वैज्ञानिक दो बार। स्थानीय लोगों के मुताबिक दो बार कुमाऊं कमिश्नर भी अफसरों को निर्देशित कर चुके हैं, पर कुछ नहीं हुआ।
मुहाने पर गांवस्थानीय निवासी भुवन पोखरिया ने बताया कि दुबलखेरा, मल्ला पचौनिया, लाखनमंडी, सुनारधड़ा, आमखेड़ा कुटालिया, मुखानी खड़कू, धुरनापुर, बिहारीनगर के अलावा कुछ सरकारी कार्यालय भी बाढ़ के मुहाने पर है।
दस साल से डायवर्जन नहींनंधौर नदी का पानी दस साल से देवनाला और कैलाश की तरफ डायवर्ट नहीं हो रहा। इस वजह से दिक्कत आ रही है। भारी मात्रा में सील्ड जमा होने से नदी ढंग से चैनेलाइज नहीं हो रही। 2009 में सिंचाई विभाग द्वारा बचाव को लेकर किया गया काम भी पानी में बह गया।
नवनियुक्त डीएफओ से मिले लोगशुक्रवार को हल्द्वानी वन प्रभाग के नवनियुक्त डीएफओ कुंदन कुमार चोरगलिया पहुंचे, जिन्हें ग्रामीणों ने इस समस्या से अवगत कराया। इसके बाद डीएफओ दुबेलबेरा ढोक व फॉरेस्ट कंपाउंड जाकर कटाव का जायजा भी लिया। इस दौरान रेंजर ललित कुमार, पंकज भट्ट, खष्टी चौसाली, दीपू चौसाली, हेम बजेठा, राहुल पानू मौजूद रहे।यह भी पढ़ें : ऊधमसिंह नगर में अलग-अलग हादसों में दो मैनेजर सहित चार लोगों की मौत
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