Move to Jagran APP

नैनीताल में ओलों की जबरदस्त बरसात, जो जहां वहीं ठिठका

सरोवर नगरी में शुक्रवार दोपहर जबरदस्त ओले गिरे। करीब आधे घंटे तक बरसे ओलों से मल्लीताल क्षेत्र की सड़कें बर्फ के समान सफेद हो गई। इस दौरान लोग जहां-तहां ठिठक कर रह गए।

By Edited By: Updated: Sat, 16 Feb 2019 11:00 PM (IST)
Hero Image
नैनीताल में ओलों की जबरदस्त बरसात, जो जहां वहीं ठिठका
नैनीताल, जेएनएन : सरोवर नगरी में शुक्रवार दोपहर जबरदस्त ओले गिरे। करीब आधे घंटे तक बरसे ओलों से मल्लीताल क्षेत्र की सड़कें बर्फ के समान सफेद हो गई। इस दौरान लोग जहां-तहां ठिठक कर रह गए। फिसलन होने से वाहन भी फंसे रहे। इससे राजभवन रोड, हाई कोर्ट से बारापत्थर तक के मार्ग पर जाम लग गया। पुलिस ने ओलों में फंसे वाहनों को जैसे-तैसे निकाला। सड़कों पर जमा ओलों की वजह से स्कूली बच्चों को घर पहुंचने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। यहां सुबह से ही मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ था। घने बादल आसमान में डेरा डाले हुए थे। दोपहर दो बजे एकाएक अंधेरा छाया और मल्लीताल क्षेत्र में ओले गिरने शुरू हो गए। ओलों की रफ्तार इतनी तेज थी कि कुछ ही मिनटों में पूरा क्षेत्र ओलों की सफेद चादर में लिपट गया। सड़कों पर ओले जमा होने से वाहन आगे नही बढ़ सके। मल्लीताल बाजार मार्ग, बारापत्थर व डीएसबी मार्ग पर ट्रैफिक जाम हो गया। इसे हटाने के लिए जेसीबी लगानी पड़ी, तब जाकर यातायात सुचारु हो सका।

जीआइसी मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अधिकतम तापमान 11 व न्यूनतम चार डिग्री सेल्सियस रहा। आद्रता अधिकतम 90 व न्यूनतम 65 प्रतिशत दर्ज की गई। मल्लीताल में ओले, तल्लीताल में बरसा पानी सरोवर नगरी में शुक्रवार दोपहर एक साथ मौसम के दो रूप दिखे। मल्लीताल में जहां ओले बरस रहे थे, वहीं तल्लीताल में इस दौरान तेज बारिश हो रही थी। यहां भी ओले गिरे, मगर बेहद कम। करीब एक घंटे तक मौसम का रुख इसी तरह बना रहा। इसके बाद वर्षा व ओलावृष्टि तो थम गई, परंतु घने बादल आसमान में जमा रहे।

बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण मौसम भी हुआ दूषित
आर्यभटट् प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान के वायुमंडलीय वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र सिंह के अनुसार जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम अब पहले जैसा नही रहने वाला। शुक्रवार को नैनीताल के आधे हिस्से में हुई ओलावृष्टि खंड ओलावृष्टि थी। बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण मौसम भी दूषित हो रहा है। फिलहाल हम एक्सट्रीम वेदर के दौर से गुजर रहे हैं। साथ ही भविष्य में आंधी व तूफानों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना से इन्कार नही किया जा सकता है। वहीं लगातार बारिश व गर्मी का रूप भी देखने को मिलेगा। वातावरण में कार्बन की मात्रा अधिक होने से ठंड में अधिक ठंड, तो गर्मी में गर्मी का अहसास अधिक होगा।

यह भी पढ़ें : अब देवभूमि के पर्यावरण पर नमो की तवज्जो, पढ़िए पूरी खबर

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।