वक्फ बोर्ड में नियुक्तियों के मामले में हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा स्पष्टीकरण
राज्य वक्फ बोर्ड के सदस्य पद पर बोर्ड के पूर्व चेयरमैन राव सराफत की नियुक्ति तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर मो. रईस की नियुक्ति का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 05 Jan 2019 07:32 PM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : राज्य वक्फ बोर्ड के सदस्य पद पर बोर्ड के पूर्व चेयरमैन राव सराफत की नियुक्ति तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर मो. रईस की नियुक्ति का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट ने दोनों मामलों में सुनवाई करते हुए मंगलवार तक सरकार से स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं।
कलियर सरीफ रुड़की निवासी सूफी खलिक अहमद ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि वक्फ बोर्ड के सदस्य पद पर नियुक्त राव सराफत, जो पूर्व में चेयरमैन रह चुके हैं, इनको सरकार द्वारा जांच के बाद आरोप साबित होने पर गवर्नर द्वारा हटाया गया। लिहाजा उनकी नियुक्ति रद की जाए। उधर काठगोदाम मस्जिद प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष अब्दुल मो. बासिद खान ने जनहित याचिका दायर कर वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मो. रईस की नियुक्ति को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि वक्फ अधिनियम की धारा-23 के अंतर्गत दो प्रावधान हैं। एक मुख्य कार्यपालक अधिकारी के पद पर उपसचिव के नीचे के स्तर का अधिकारी नहीं होना चाहिए। दूसरा वक्फ बोर्ड से भेजे गए पैनल से उसका चयन होना चाहिए। याचिका में कहा गया था कि सरकार द्वारा अब्दुल अलीम अंसारी को हटाकर मो. रईस को नियुक्त कर दिया। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश खुल्बे की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार को मंगलवार तक स्थिति साफ करने के निर्देश दिए हैं।
लखनऊ डायोसिशन के फर्जी निदेशक की जमानत नामंजूर
नैनीताल : हाई कोर्ट ने नैनीताल के आवागढ़ में विधवा आश्रम को खुर्दबुर्द करने व फर्जी दस्तावेज बनाकर बेचने के मामले में आरोपित लखनऊ डायोसिस के फर्जी निदेशक अनिल डेविड की जमानत अर्जी खारिज कर दी। शुक्रवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति नारायण सिंह धानिक की एकलपीठ में अनिल की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। आगरा डायोसिस के अवैतनिक सचिव राजीव चंद्र द्वारा मल्लीताल थाने में अनिल डेविड, बिशप जोन्सन, मोहन जोशी, प्रदीप जोशी, मदन जोशी, नंदन अग्रवाल, व विजय के जोनेशन के खिलाफ तहरीर दी थी। यह भी कहा था कि विधवा आश्रम को फर्जी दस्तावेज बनाकर खुर्दबुर्द करने के साथ ही खरीदा व बेचा जा रहा है। पुलिस जांच में पता चला कि लखनऊ डायोसिस ट्रस्ट एसोसिएशन कंपनी का फर्जी डायरेक्टर बनकर आश्रम की जमीन को बेचा जा रहा है। इस मामले में पुलिस ने फर्जी निदेशक अनिल डेविड को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया था। निचली कोर्ट से जमानत नामंजूर होने के बाद अनिल ने हाई कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी। यहां बता दें कि विधवा आश्रम का कुल क्षेत्रफल 2082.47 वर्ग मीटर है। संपत्ति की कीमत करीब एक करोड़ 50 लाख 80 हजार थी मगर 20 लाख रुपये में संपत्ति खुर्दबुर्द कर दी गई।
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