Naini Lake का बाथमीट्रिक सर्वे शुरू, रहस्यों का पता लगाने में जुटी नौसेना की टीम
Naini Lake Bathymetric Survey भारत सरकार के मुख्य हाइड्रोग्राफर के निर्देशों के तहत नैनी झील का बाथमीट्रिक सर्वे शुरू हो गया है। यह सर्वे झील के संरक्षण और भविष्य के प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। यह सर्वे नैनीताल में स्थित भारतीय नौ सेना की एकमात्र एनसीसी इकाई पांच यूके नेवल यूनिट के कमान अधिकारी कैप्टन चंद्रविजय नेगी के निर्देशानुसार किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। Naini Lake Bathymetric Survey: भारत सरकार के मुख्य हाइड्रोग्राफर के निर्देशों के तहत नैनी झील का बाथमीट्रिक सर्वे शुरू हो गया है। सर्वे का उद्देश्य झील की गहराई, पानी के नीचे की स्थलाकृति के बारे में सटीक जानकारी और डेटा एकत्र करना है। यह सर्वे झील के संरक्षण और भविष्य के प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
सर्वे भारतीय नौसेना के पोत आइएनएस सर्वेक्षक की सर्वे टीम (हाइड्रोग्राफर्स) की ओर से किया जा रहा है। जिसका नेतृत्व कुमाऊं विवि के पूर्व छात्र व आइएनएस सर्वेक्षण के कमान अधिकारी कैप्टन त्रिभुवन सिंह कर रहे हैं। टीम में लेफ्टिनेंट कमांडर दीपक बिष्ट और पांच नाविक भी शामिल हैं।
कुशल डेटा संग्रह के लिए बड़ी फ्लैट-बाटम नाव उपलब्ध
यह सर्वे नैनीताल में स्थित भारतीय नौ सेना की एकमात्र एनसीसी इकाई पांच यूके नेवल यूनिट के कमान अधिकारी कैप्टन चंद्रविजय नेगी के निर्देशानुसार किया जा रहा है। पांच नेवल यूनिट एनसीसी की टीम को सटीक और कुशल डेटा संग्रह के लिए बड़ी फ्लैट-बाटम नाव भी उपलब्ध करवाई गई है।एनसीसी इकाई ने दैनिक संचालन के लिए उपकरणों की सुरक्षा और सर्वे के लिए सर्वेक्षण उपकरणों के रखरखाव को सुरक्षित स्थान भी आवंटित किया है। एनसीसी टीम को प्रशासनिक व अन्य सहायता उपलब्ध कराएगी।
मंगलवार को एनसीसी इकाई के कमांडिंग अफसर कैप्टन चंद्रविजय नेगी एवं आइएनएस सर्वेक्षण के कमांडिंग आफिसर कैप्टन त्रिभुवन सिंह और उनकी टीम के बीच स्मृति चिह्नों का आदान-प्रदान किया गया। नेवल एनसीसी के चीफ इंस्ट्रक्टर अंकुर यादव, दीपक चंद और शेर सिंह चौहान ने नेवल बोट का संचालन किया।
एक सप्ताह तक होगा सर्वेक्षण
बाथमीट्रिक सर्वे के लिए भारतीय नौसेना गोताखोरों की मदद से समुद्र की गहराई व घनत्व सहित अन्य पारिस्थितिकी के बारे में जानकारी जुटाती रही है। पहली बार नैनी झील में यह प्रयोग किया जा रहा है। यह सर्वेक्षण एक सप्ताह तक होगा।
इस दौरान गहराई मापने के लिए अत्याधुनिक ईको साउंडर्स, जीपीएस सेट और झील के नीचे के नमूनों का संग्रह करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर झील का एक विस्तृत बाथमीट्रिक चार्ट तैयार किया जाएगा।
बताया जा रहा है यह विशेष प्रकार का सर्वे है जो नौसेना द्वारा प्रयुक्त अत्याधुनिक उपकरणों से किया जा रहा है। इससे नैनी झील के कई अनसुलझे रहस्यों का भी भी पता चल सकेगा। जो कि नैनीताल की भौगोलिक स्थिति के लिए अत्यंत आवश्यक भी है।
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