लॉकडाउन के कारण नहीं पहुंच रहा खाद्यान्न, नेपाल में बेतहाशा बढ़ी महंगाई
चीन की सरपरस्ती में नेपाल जहां एक तरफ भारत को आंख दिखाने का दुस्साहस कर रहा हो वहीं उसके देश के लोगों का पेट बिना भारतीय साक-सब्जी के नहीं भर रहा है।
प्रतिदिन लाखों का है निर्यात
खटीमा मंडी में नेपाल के लिए फल-सब्जी के बड़े निर्यातक संजीव बत्रा व अमित खुराना का कहना है कि लॉकडाउन से पूर्व मंडी से प्रतिदिन चालीस लाख रुपये से अधिक की फल-सब्जी नेपाल के लिए भेज रहे थे। जिसमें आलू-प्याज, टमाटर समेत तमाम सीजनल सब्जियां हैं, लेकिन अब सब्जी न जाने से नेपाल के लोग महंगाई की मार झेल रहे हैं। बनबसा के व्यापारी संतोष ने भारत से लगे नेपाल के सीमावर्ती इलाके महेंद्र नगर, बाबाधान, दुधारा, चांदनी के लिए नमक से लेकर सुई तक भारत से जाती है। सीमा बंद होने के चलते नेपाल में स्टाक का बचा समान महंगे दामों पर लोगों को बेचा जा रहा है।
नेपाल के थोक व्यापारी भी तक रहे हैं भारत की राह
धनगढ़ी नेपाल के थोक फल-सब्जी व्यापारी उमेश अधिकारी का कहना है कि भारतीय सीमा की खटीमा मंडी और बनबसा से माल नहीं मिल पाने का असर यह है कि धनगढ़ी में टमाटर 35 से 40 रुपये किलो बिक रहा है। जबकि यही टमाटर भारत के खटीमा, बनबसा क्षेत्र में 10 से 15 रुपये किलो के भाव में है। तीन गुने से अधिक दाम पर लोगों को यहां सब्जी व फल मिल रही है।
सब्जी भारत नेपाल
आलू 20 35-40
प्याज 20 50-60
टमाटर 10 35-40
भिंडी 10 40-50
शिमला मिर्च 10 40-50
लौकी 10 25-30
तोरई 10 25-30
खीरा 10 25-30
नेपाल ने भारतीय सीमा से सटे जुल्लाघाट में बीओपी का किया उद्घाटन