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एक सप्ताह से घायल घूम रहा टस्कर हाथ्‍ाी नेशनल हाईवे पर आया, इलाज की कोशिश

एक सप्ताह से घायल घूम रहे टस्कर हाथ्‍ाी का रुख अब नेशनल हाईवे पर हो गया है। उसके सड़क पर आने से रात में एक घंटा वाहन जहां-तहां खड़े रहे।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Fri, 01 Mar 2019 06:46 PM (IST)
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एक सप्ताह से घायल घूम रहा टस्कर हाथ्‍ाी नेशनल हाईवे पर आया, इलाज की कोशिश
रामनगर, जेएनएन : एक सप्ताह से घायल घूम रहे टस्कर हाथ्‍ाी का रुख अब नेशनल हाईवे पर हो गया है। उसके सड़क पर आने से रात में एक घंटा वाहन जहां-तहां खड़े रहे। इसके बाद वह सुबह अल्मोड़ा को जाने वाली सड़क पर आ गया। इस बीच सीटीआर की पशु चिकित्सक टीम ने घायल टस्कर के उपचार का प्रयास किया।
सीटीआर के कालागढ़ डिविजन से सटे अल्मोड़ा वन प्रभाग में एक सप्ताह पूर्व टस्कर घायल हो गया था। उसके आगे के पैर में संक्रमण होने की वजह से वह लचक कर चल रहा था। अल्मोड़ा वन प्रभाग के कर्मी उस पर बराबर नजर रखे हुए थे। वन कर्मियों को हाथी का टूटा हुआ नाखून भी मिला था। इसके बाद वह अल्मोड़ा जिले की सीमा से कॉर्बेट की सीमा में आ गया था। गुरुवार रात 11 बजे हाथी नेशनल हाईवे पर आ गया। चलने में परेशानी होने की वजह से वह सड़क पर ही खड़ा रहा। इससे रामनगर आने वाले वाहन हाथी के हटने के इंतजार में एक घंटा खड़े रहे। हाथी के चले जाने के बाद वाहन रामनगर को आए।
वन्य जीव विशेषज्ञ एजी अंसारी ने वन कर्मियों को इसकी जानकारी दी। गुरुवार को कालागढ़ डिविजन के डीएफओ एके सिंह, कॉर्बेट के पशु चिकित्सक दुष्यंत कुमार टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने हाथी को आटे व गुड़ में मिलाकर दवा दी। इसके बाद वह जंगल को चला गया।

हाथी के उपचार में आ रही दिक्कत
टस्कर हाथी के उपचार में कई तरह की दिक्कत सामने आ रही है। हाथी की निगरानी की जा रही है। उसे आटे व गुड़ में मिलाकर ओरल मेडीसन दी जा रही है। उसके नजदीक जाने पर वह हमला कर रहा है। यदि उसे उपचार के लिए बेहोश करेंगे तो एक दिन में वह सही नहीं होगा। रोज-रोज उसे बेहोश नहीं कर सकते हैं। ओरल मेडीसन से उसके घाव को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है।

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