जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में आईजी गढ़वाल को जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश
हाई कोर्ट ने रुड़की और सहारनपुर में पिछले दिनों जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के मामले में सुनवाई करते हुए आईजी गढ़वाल से तीन सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 28 Feb 2019 06:54 PM (IST)
नैनीताल, जेएनएन । हाई कोर्ट ने पिछले दिनों हरिद्वार तथा उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जहरीली शराब से मौतों के मामले में गंभीर रूख अपनाते हुए आइजी गढ़वाल को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति नारायण सिंह धानिक की खंडपीठ में काशीपुर निवासी प्रमोद शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया कि रुड़की व सहारनपुर में जहरीली शराब पीने से 42 से अधिक मजदूरों की मौत हो गई, लेकिन सरकार द्वारा जहरीली शराब बेचने व बनाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के अनुसार मामले मे जनहित याचिका दायर होने से एक दिन पहले सरकार द्वारा आइजी गढ़वाल की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय एसआइटी का गठन किया गया है, जबकि याचिका दायर होने के बाद सरकार द्वारा जिला आबकारी अधिकारी समेत विभाग के 13 कार्मिकों को सस्पेंड कर दिया गया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सवाल उठाया कि निलंबित अधिकारी-कर्मचारियों का इस मामले में दोष क्या है। मामले को सुनने के बाद खंडपीठ ने अब तक इस मामले में हुई कार्रवाई को लेकर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश आइजी गढ़वाल को दिए हैं।
गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति नारायण सिंह धानिक की खंडपीठ में काशीपुर निवासी प्रमोद शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया कि रुड़की व सहारनपुर में जहरीली शराब पीने से 42 से अधिक मजदूरों की मौत हो गई, लेकिन सरकार द्वारा जहरीली शराब बेचने व बनाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के अनुसार मामले मे जनहित याचिका दायर होने से एक दिन पहले सरकार द्वारा आइजी गढ़वाल की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय एसआइटी का गठन किया गया है, जबकि याचिका दायर होने के बाद सरकार द्वारा जिला आबकारी अधिकारी समेत विभाग के 13 कार्मिकों को सस्पेंड कर दिया गया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सवाल उठाया कि निलंबित अधिकारी-कर्मचारियों का इस मामले में दोष क्या है। मामले को सुनने के बाद खंडपीठ ने अब तक इस मामले में हुई कार्रवाई को लेकर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश आइजी गढ़वाल को दिए हैं।
यह भी पढ़ें : हाई कोर्ट की सख्ती के बाद मुखानी में अतिक्रमण के खिलाफ शुरू हुआ अभियान
यह भी पढ़ें : एयर स्ट्राइक के समय पैदा हुए बेटे का नाम रखा मिराज, कई ने लिया से फैसला
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।