वन विभाग के रडार से बाहर हुआ इंटर नेशनल टाइगर तस्कर तोताराम
वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर जितना वन महकमा सतर्क है उतना ही खौफ में भी है। टाइगर के लिए खतरा बन चुका इंटर नेशनल तस्कर तोताराम वन विभाग की रडार से बहार हो चुका है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 21 Feb 2019 07:42 PM (IST)
खटीमा, राजू मिताड़ी, : वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर जितना वन महकमा सतर्क है उतना ही खौफ में भी है। टाइगर के लिए खतरा बन चुका इंटर नेशनल तस्कर तोताराम वन विभाग की रडार से बहार हो चुका है। बावरिया गिरोह का सरगना तोताराम नेपाल में छुपकर अपना नेटवर्क संचालित कर रहा है। जिससे अब वन जीवों की सुरक्षा वन विभाग के लिए चुनौती भी है। चंपावत जिले के बनबसा में वन और पुलिस की कार्रवाई में बाघ की हड्डियां बरामद होने के बाद वन अधिकारियों ने सीमाओं पर गश्ती दल बढ़ा दिया है। विभाग भी वन्यजीवों को खतरा होने की बात से इंकार नहीं कर रहा है।
वन विभाग के तस्करों की लिस्ट में तोताराम टॉप नंबर पर है। तोताराम का गिरोह टाइगर को पहले टारगेट करता है क्योंकि इसकी खाल, हड्डियां व तांत-नाखून को ऊंचे दामों पर बेचते हैं। तोताराम का नेटवर्क स्थानीय तस्करों से लेकर दिल्ली के खरीदारों से जुड़े हुए हैं। बनबसा में पकड़े गए तस्करों ने भी बाघ की हड्डियों को नेपाल में डिलीवरी देने की बात कबूल की है। इससे पहले भी कई तस्कर खाल समेत नेपाल बार्डर पर पकड़े जा चुके हैं।
वन विभाग के तस्करों की लिस्ट में तोताराम टॉप नंबर पर है। तोताराम का गिरोह टाइगर को पहले टारगेट करता है क्योंकि इसकी खाल, हड्डियां व तांत-नाखून को ऊंचे दामों पर बेचते हैं। तोताराम का नेटवर्क स्थानीय तस्करों से लेकर दिल्ली के खरीदारों से जुड़े हुए हैं। बनबसा में पकड़े गए तस्करों ने भी बाघ की हड्डियों को नेपाल में डिलीवरी देने की बात कबूल की है। इससे पहले भी कई तस्कर खाल समेत नेपाल बार्डर पर पकड़े जा चुके हैं।
दो बार पकड़ा जा चुका है तोताराम
वाइल्ड लाइफ के लिए घातक बना तोताराम दो बार वन विभाग के शिकंजे में फंस चुका है। पहली बार 10 अगस्त 2004 में चंपावत जिले के बनबसा क्षेत्र में बाघ की खाल के साथ पकड़ा गया था। दूसरी बार 5 अगस्त 2010 में छीनी कंपाटमेंट स्थित जंगल में बाघ को फंदे में फंसाने वाले कड़का के साथ पकड़ा गया था। जमानत में छुटने के बाद से वह फरार चल रहा है। तब से अब तक पुलिस व वन विभाग के हाथ मात्र वन्य जीव के अंगों को लाने-जाने वाले कैरियर ही लगते हैं। संसार चंद के बाद बना सरगना
तोताराम पहले बाबरिया गिरोह में सदस्य के रूप में काम करता था। गिरोह का सरगना संसार चंद हुआ करता था। जिसके नाम से यूपी, उत्तराखंड और में पंजाब के जंगल में दहशत थी। संसार चंद के मरने के बाद तोतराम ने गिरोह की कमान संभाल ली। नेपाल में होने की वजह से उसे पकडऩे में विभाग को कानूनी अड़चने हो रही है जिसका फायदा वांडेट तोतराम उठा रहा है।
वाइल्ड लाइफ के लिए घातक बना तोताराम दो बार वन विभाग के शिकंजे में फंस चुका है। पहली बार 10 अगस्त 2004 में चंपावत जिले के बनबसा क्षेत्र में बाघ की खाल के साथ पकड़ा गया था। दूसरी बार 5 अगस्त 2010 में छीनी कंपाटमेंट स्थित जंगल में बाघ को फंदे में फंसाने वाले कड़का के साथ पकड़ा गया था। जमानत में छुटने के बाद से वह फरार चल रहा है। तब से अब तक पुलिस व वन विभाग के हाथ मात्र वन्य जीव के अंगों को लाने-जाने वाले कैरियर ही लगते हैं। संसार चंद के बाद बना सरगना
तोताराम पहले बाबरिया गिरोह में सदस्य के रूप में काम करता था। गिरोह का सरगना संसार चंद हुआ करता था। जिसके नाम से यूपी, उत्तराखंड और में पंजाब के जंगल में दहशत थी। संसार चंद के मरने के बाद तोतराम ने गिरोह की कमान संभाल ली। नेपाल में होने की वजह से उसे पकडऩे में विभाग को कानूनी अड़चने हो रही है जिसका फायदा वांडेट तोतराम उठा रहा है।
जंगल सुरक्षा बढ़ा दी गई है
बाबूलाल उप प्रभागीय वनाधिकारी खटीमा ने बताया कि बाबरिया गिरोह का सरगना तोताराम जमानत में छुटने के बाद से लापता है। नेपाल बार्डर से बाघ व गुलदार की खाल व हड्डियां बरामद होने हुई है जिससे इस बात से इंकार नहीं किया जाता है कि गिरोह सक्रिय नहीं है। तोताराम विभाग की लिस्ट में टॉप अपराधि है। कब-कब पकड़े गए वन्यजीवों के अंग
बाबूलाल उप प्रभागीय वनाधिकारी खटीमा ने बताया कि बाबरिया गिरोह का सरगना तोताराम जमानत में छुटने के बाद से लापता है। नेपाल बार्डर से बाघ व गुलदार की खाल व हड्डियां बरामद होने हुई है जिससे इस बात से इंकार नहीं किया जाता है कि गिरोह सक्रिय नहीं है। तोताराम विभाग की लिस्ट में टॉप अपराधि है। कब-कब पकड़े गए वन्यजीवों के अंग
वर्ष बाघ/गुलदार की खाल संख्या
2004 बाघ खाल 01
2005 बाघ की हड्डियां 11 किग्रा.
2006 गुलदार खाल 01
2006 बाघ हड्डियां व नाखून 53
2007 गुलदार खाल 01
2008 गुलदार खाल 01
2009 गुलदार खाल 03
2012 गुलदार खाल-नाखून 01
2013 बाघ की खाल व हड्डी 01
2017 गुलदार खाल 03
2017 बाघ की खाल व हड्डी 01
2018 गुलदार खाल 01
2019 बाघ की हड्डियां 11.600 ग्राम बाघ की हड्डियों के साथ बनबसा में एक तस्कर गिरफ्तार
बनबसा : वन्य जीव तस्करों के खिलाफ चलाए गए अभियान के तहत पुलिस, एसओजी और वन विभाग की संयुक्त टीम ने 11 किलो 600 ग्राम बाघ की हड्डियों के साथ एक युवक को पकड़ा। पकडे गए युवक की निशानदेही पर वन विभाग की टीम ने दो को चोरगलिया से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने तीनों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर लिया। थानाध्यक्ष जसबीर सिंह चौहान ने बताया कि मंगलवार देर सांय मुखबिर की सूचना पर पुलिस, एसओजी और वन विभाग की संयुक्त टीम ने नेपाल जाने वाले गड़ीगोठ मार्ग पर पेंटर फार्म स्थित केला फैक्ट्री के समीप एक व्यक्ति मार्ग पर दिखाई दिया। संयुक्त टीम ने उसे रोककर पर जब उसके बैग की तलाशी ली तो उसके पास 11 किलो 6 सौ ग्राम बाघ की हड्डियां बरामद हुई। बाद में कार्यवाही के बाद पुलिस उसे पकडकर थाने ले आई। थाने में पूछताछ के दौरान उसने अपना नाम रईस अहमद सलमानी पुत्र नजर अहमद सलमानी निवासी जामा मस्जिद वार्ड नंबर पांच सितारगंज बताया। पूछताछ में उसने बताया कि उसे यह हड्डियां निक्का वन गुर्जर व विक्की निवासीगण रेला हंसपुर खत्ता चौरगलिया जिला नैनीताल ने लाकर दी थी। जिन्हे वह गड़ीगोठ के रास्ते नेपाल बेचने के लिए ले जा रहा था। पकड़े गये तस्कर की निशानदेही पर बुधवार सुबह वन विभाग खटीमा रेंज की टीम आमखेड़ा चोरगलिया पहुंची। जहां पर इसके दो अन्य साथियों सुलेमान पुत्र मोहम्मद मुस्तफा उर्फ निक्का गुर्जर और मोहम्मद शगीर पुत्र गुलाम अली उर्फ विक्की को भी पकड़ लिया। हड्िडयों को नेपाल ले जाया जा रहा था
थानाध्यक्ष चौहान ने बताया कि रईस अहमद से पूछताछ में उसने बताया कि वह इन हड्डियों को नेपाल ले जा रहा था। जिससे आशंका होती है कि वन्य जाीवों की तस्करी में अंतराष्ट्रीय वन्य जीव तस्कर सक्रिय बने हुए है। वन विभाग के एसडीओ बाबू लाल ने बताया कि बाद में पकडे गये दोनों अभियुक्तों की निशानदेही पर नन्धौर रेंज, हल्द्वानी डिवीजन से मौके पर से मारे गये बाघ के अन्य अवशेष भी वन विभाग ने बरामद कर लिये। उन्होनें बताया की प्रथम दृष्टया बाघ को जहर देकर मारे जाने की आशंका है। मौत के बाकी कारणों का पता जांच में ही पता चल पायेगा। उन्होनें कहा पकड़ी गई बाघ की हड्डियां और अवशेष परीक्षण के लिए वन्य जीव संस्थान देहरादून को भेजा जायेगा। पकड़े गए अभियुक्तों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 2, 9, 39 , 50 , 51 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है।बॉर्डर पर पूर्व में भी पकड़े गए हैं वन्यजीव तस्कर
बुधवार को पकडे गए तीन वन्य जीव तस्कर और उनसे बरामद 11 किलो 6 सौ ग्राम बाघ की हड्डियों से स्पष्ट हो गया है कि अतंराष्ट्रीय सीमा पर वन्य जीव तस्करों की गतिविधियां जारी है। इससे पूर्व वर्ष 2017 से लेकर वर्ष 2018 तक पुलिस, वन विभाग और एसओजी की संयुक्त कार्यवाही में सात खालें और 8 किलो तीन सौ ग्राम बाघ की हडिडयों समेत आधा दर्जन तस्कर पकड़े जा चुके है। 31 दिसंबर 2017 को संयुक्त टीम ने एक बाघ की खाल और 8 किलो 3 सौ ग्राम बाघ की हड्डियों के साथ दो अभियुक्तों को पकडा। 25 जनवरी 2018 को एक गुलदार की खाल के साथ एक तस्कर पकडा गया है। 10 जून 2018 को संयुक्त टीम को बड़ी कामयाबी हाथ लगी। जिसमें पांच गुलदार की खालों के साथ चार वन्य जीव तस्कर पकड़े गये थे। इन घटनाओं से आशंका बलवती होती है कि वन्य जीव तस्कर भारत-नेपाल के सीमा क्षेत्र में सक्रिय है। यह भी पढ़ें : प्रकाश जोशी को कांग्रेस ने दिया बड़ा झटका, पार्टी ने राष्ट्रीय सचिव पद से हटायायह भी पढ़ें : हड़ताल पर हाई कोर्ट सख्त, सरकार से पूछा निजी चिकित्सक हड़ताल कर सकते हैं या नहीं
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2006 गुलदार खाल 01
2006 बाघ हड्डियां व नाखून 53
2007 गुलदार खाल 01
2008 गुलदार खाल 01
2009 गुलदार खाल 03
2012 गुलदार खाल-नाखून 01
2013 बाघ की खाल व हड्डी 01
2017 गुलदार खाल 03
2017 बाघ की खाल व हड्डी 01
2018 गुलदार खाल 01
2019 बाघ की हड्डियां 11.600 ग्राम बाघ की हड्डियों के साथ बनबसा में एक तस्कर गिरफ्तार
बनबसा : वन्य जीव तस्करों के खिलाफ चलाए गए अभियान के तहत पुलिस, एसओजी और वन विभाग की संयुक्त टीम ने 11 किलो 600 ग्राम बाघ की हड्डियों के साथ एक युवक को पकड़ा। पकडे गए युवक की निशानदेही पर वन विभाग की टीम ने दो को चोरगलिया से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने तीनों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर लिया। थानाध्यक्ष जसबीर सिंह चौहान ने बताया कि मंगलवार देर सांय मुखबिर की सूचना पर पुलिस, एसओजी और वन विभाग की संयुक्त टीम ने नेपाल जाने वाले गड़ीगोठ मार्ग पर पेंटर फार्म स्थित केला फैक्ट्री के समीप एक व्यक्ति मार्ग पर दिखाई दिया। संयुक्त टीम ने उसे रोककर पर जब उसके बैग की तलाशी ली तो उसके पास 11 किलो 6 सौ ग्राम बाघ की हड्डियां बरामद हुई। बाद में कार्यवाही के बाद पुलिस उसे पकडकर थाने ले आई। थाने में पूछताछ के दौरान उसने अपना नाम रईस अहमद सलमानी पुत्र नजर अहमद सलमानी निवासी जामा मस्जिद वार्ड नंबर पांच सितारगंज बताया। पूछताछ में उसने बताया कि उसे यह हड्डियां निक्का वन गुर्जर व विक्की निवासीगण रेला हंसपुर खत्ता चौरगलिया जिला नैनीताल ने लाकर दी थी। जिन्हे वह गड़ीगोठ के रास्ते नेपाल बेचने के लिए ले जा रहा था। पकड़े गये तस्कर की निशानदेही पर बुधवार सुबह वन विभाग खटीमा रेंज की टीम आमखेड़ा चोरगलिया पहुंची। जहां पर इसके दो अन्य साथियों सुलेमान पुत्र मोहम्मद मुस्तफा उर्फ निक्का गुर्जर और मोहम्मद शगीर पुत्र गुलाम अली उर्फ विक्की को भी पकड़ लिया। हड्िडयों को नेपाल ले जाया जा रहा था
थानाध्यक्ष चौहान ने बताया कि रईस अहमद से पूछताछ में उसने बताया कि वह इन हड्डियों को नेपाल ले जा रहा था। जिससे आशंका होती है कि वन्य जाीवों की तस्करी में अंतराष्ट्रीय वन्य जीव तस्कर सक्रिय बने हुए है। वन विभाग के एसडीओ बाबू लाल ने बताया कि बाद में पकडे गये दोनों अभियुक्तों की निशानदेही पर नन्धौर रेंज, हल्द्वानी डिवीजन से मौके पर से मारे गये बाघ के अन्य अवशेष भी वन विभाग ने बरामद कर लिये। उन्होनें बताया की प्रथम दृष्टया बाघ को जहर देकर मारे जाने की आशंका है। मौत के बाकी कारणों का पता जांच में ही पता चल पायेगा। उन्होनें कहा पकड़ी गई बाघ की हड्डियां और अवशेष परीक्षण के लिए वन्य जीव संस्थान देहरादून को भेजा जायेगा। पकड़े गए अभियुक्तों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 2, 9, 39 , 50 , 51 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है।बॉर्डर पर पूर्व में भी पकड़े गए हैं वन्यजीव तस्कर
बुधवार को पकडे गए तीन वन्य जीव तस्कर और उनसे बरामद 11 किलो 6 सौ ग्राम बाघ की हड्डियों से स्पष्ट हो गया है कि अतंराष्ट्रीय सीमा पर वन्य जीव तस्करों की गतिविधियां जारी है। इससे पूर्व वर्ष 2017 से लेकर वर्ष 2018 तक पुलिस, वन विभाग और एसओजी की संयुक्त कार्यवाही में सात खालें और 8 किलो तीन सौ ग्राम बाघ की हडिडयों समेत आधा दर्जन तस्कर पकड़े जा चुके है। 31 दिसंबर 2017 को संयुक्त टीम ने एक बाघ की खाल और 8 किलो 3 सौ ग्राम बाघ की हड्डियों के साथ दो अभियुक्तों को पकडा। 25 जनवरी 2018 को एक गुलदार की खाल के साथ एक तस्कर पकडा गया है। 10 जून 2018 को संयुक्त टीम को बड़ी कामयाबी हाथ लगी। जिसमें पांच गुलदार की खालों के साथ चार वन्य जीव तस्कर पकड़े गये थे। इन घटनाओं से आशंका बलवती होती है कि वन्य जीव तस्कर भारत-नेपाल के सीमा क्षेत्र में सक्रिय है। यह भी पढ़ें : प्रकाश जोशी को कांग्रेस ने दिया बड़ा झटका, पार्टी ने राष्ट्रीय सचिव पद से हटायायह भी पढ़ें : हड़ताल पर हाई कोर्ट सख्त, सरकार से पूछा निजी चिकित्सक हड़ताल कर सकते हैं या नहीं