जांच कमेटी ने कहा - एक तिहाई ऑक्सीमीटर खराब, कंपनी को भुगतान रोका
विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान व सत्तापक्ष के अन्य विधायकों के ऑक्सीमीटरों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए जाने के बाद प्रशासन ने जांच बैठाई थी। परीक्षण में एक तिहाई ऑक्सीमीटर खराब होने का खुलासा हुआ है। वहीं उपकरण बेचने वाली कंपनी का पूरा भुगतान रोक दिया गया है।
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : महासंकट के बीच खरीदे गए पल्स ऑक्सीमीटर खराब निकलने पर उन्हें संबंधित कंपनी को वापस लौटाए जाएंगे। विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान व सत्तापक्ष के अन्य विधायकों के ऑक्सीमीटरों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए जाने के बाद प्रशासन ने जांच बैठाई थी। परीक्षण में एक तिहाई ऑक्सीमीटर खराब होने का खुलासा हुआ है। वहीं उपकरण बेचने वाली कंपनी का पूरा भुगतान रोक दिया गया है। इधर विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ ने अब जांच प्रक्रिया पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि एक तिहाई नहीं पूरे 4000 ऑक्सीमीटर बेकाम के हैं। उन्होंने ब्रांडेड उपकरणों की खरीद के निर्देश दिए हैं।
कोरोना से जंग के लिए विधायकों की निधि से हालिया पल्स ऑक्सीमीटर खरीदे गए थे। अल्मोड़ा जिले में 22 लाख रुपये की लागत से 4000 ऑक्सीमीटर खरीदे गए थे। 11 विकासखंडों में 3975 उपकरण बांटे भी गए। मगर गलत रीडिंग देने व काम न करने पर शिकायतें आने लगीं। हवालबाग में विस उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने खुद जो ऑक्सीमीटर बांटे थे, वह भी खराब निकले। इस पर बखेड़ा खड़ा हो गया था।
चौहान ने शासन के साथ ही सीडीओ को भी पत्र लिख, उनकी विधायक निधि से ऑक्सीमीटर न खरीदने की सख्त हिदायत दे डाली। यही नहीं संबंधित कंपनी के खिलाफ कार्रवाई को भी कहा था।
भुगतान नहीं तो कार्रवाई कैसे करें : सीडीओ
किरकिरी के बाद डीएम नितिन भदौरिया के निर्देशन में अभिप्राप्ति कमेटी गठित कर जांच शुरू की गई। बीती गुरुवार को सभी ब्लॉक क्षेत्रों से ऑक्सीमीटर वापस मंगा लिए गए थे। जांच के दौरान अधिकारी तब सकते में आ गए जब ऑक्सीमीटर पल्स रेट ही नहीं ऑक्सीजन का स्तर भी गलत बताने लगे। बीती शाम कमेटी ने अपनी जांच पूरी की। निर्णय लिया गया कि संबंधित कंपनी को सभी ऑक्सीमीटर वापस लौटाए जाएंगे। साथ ही उसे भुगतान भी नहीं किया जाएगा। फिलहाल कार्रवाई नहीं की जाएगी।
विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान का कहना है कि जांच भरमाने वाली है। 4000 ऑक्सीमीटर खरीदे गए। मात्र 2400 की जांच कर इतिश्री कर ली गई। एक तिहाई नहीं सारे ऑक्सीमीटर बेकाम के हैं। मैंने साफ कह दिया है कि विधायकों की निधि से केवल ब्रांडेड ही खरीदे जाएं। कोरोनाकाल में जनता से धोखा बर्दास्त नहीं करेंगे।
सीडीओ अल्मोड़ा नवनीत पांडे ने बताया कि पल्स ऑक्सीमीटर जिस कंपनी से खरीदे गए थे, उसे वापस किए जा रहे हैं। 4000 में से 2400 ऑक्सीमीटर की जांच की गई। इनमें 800 यानी एक तिहाई खराब निकले। कंपनी को कोई भुगतान नहीं किया गया है लिहाजा कार्रवाई भी नहीं कि जा सकती है। विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान समेत अन्य विधायकों ने ब्रांडेड ऑक्सीमीटर ही खरीदे जाने को कहा है।
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