उत्तराखंड की हल्द्वानी जेल में पांच सौ रुपए देकर गुजारेंं रात, खत्म हो जाएगा जेल दोष
जीवन में जेल दोष है तो एक दिन जेल में रहकर इसे काटा जा सकता है। ऐसा हम नहीं ज्योतिषाचार्य करते हैं। हल्द्वानी उपकारागार ने इसके लिए एक विषेश बैरक तैयार किया है। जहां कुछ शुल्क देकर एक रात गुजारी जा सकती है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Wed, 28 Sep 2022 09:20 AM (IST)
दीप चंद्र बेलवाल, हल्द्वानी : हेडिंग पढ़कर कुछ कन्फ्यूज हुए होंगे? आखिर कोई जेल में रात क्यों गुजारेगा, वह भी पांच सौ रुपए देकर। जहां लोग जेल जाने भर के ही ख्याल से दहशत में आ जाते हैं, उसके लिए रुपए देकर जेल जाने की बात तो हैरान करने वाली ही है। तो दिमाग पर अधिक जोर ना दीजिए, चालिए बताते हैं असल मामला है क्या।
ग्रह-नक्षत्रों और कुंडिलयों पर भरोसा करते हैं, करते हैं तो अपने त्याेतिषाचार्य के संपर्क में भी रहते होंगे, उनसे अपने भविष्य के लेकर भी चर्चा करते होंगे। कुंडलियों के मुताबिक जीवन में कुछ दोष होते हैं, तो उनके निवारण के उपाय भी होते हैं।
ऐसा ही एक दोष होता है जेल दोष। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इसे काटने के लिए अगर एक रात जेल में गुजार लिया जाए तो जीवन से जेल दोष खत्म हो जाता है।
हल्द्वानी उपकारागार (Haldwani Sub Jail) ने इसीलिए एक बैरक तैयार किया है। जिसमें एक रात गुजारकर जीवन से जेल दोष को खत्म किया जा सके। इसके लिए पांच सौर रुपए शुल्क का निर्धारण किया गया है।हिंदू धर्म में कुंडली के अनुसार ग्रह-नक्षत्रों की दसा काे अहमियत दी जाती है। जन्म होते ही कुंडली बनवाई जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हिंदू धर्म में शुभ कार्यों में इस कुंडली को प्रथम स्थान दिया जाता है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई अशुभ ग्रह किसी शुभ ग्रह के साथ संयोजन करता है तो ऐसी स्थिति में कुंडली दोष का निर्माण हो जाता है।
इन्हीं में एक दोष होता जेल (बंधन) दोष है। यह दोष से मुक्ति पाने के लिए जेल में एक दिन सजा काटनी पड़ती है। अभी तक लोग इसका निदान विधि विधान से नहीं होता था। लिहाजा जेल में आने की परमिशन नहीं होती थी।
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हल्द्वानी उपकारागार में जेल दोष को खत्म करने के लिए 1903 में बने शस्त्रालय का उपयोग होने जा रहा है। इसका प्रस्ताव के साथ ही जेल आइजी विमला गुंज्याल को अवगत करा दिया है। दिसंबर या उससे पहले जेल दोष खत्म करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।जेल दोष के बारे में क्या कहते हैं आचार्य रमेश
पंचांगकार आचार्य डा. रमेश चंद्र जोशी बताते हैं कि भारतीय ज्योतिष शास्त्र के वृहद् जातक, जातक तत्व, उत्तर कालामृत आदि ग्रन्थों में जेल (बंधन) दोष के बारे में विस्तार से लिखा है। जातकालंकार ग्रन्थ के अनुसार यदि सभी अशुभ ग्रंथ 2,5,9 व 12वें भाव में स्थित हो तो वह मनुष्य अपने जीवन में इन ग्रहों की महादशा व अंतरदशाओं में गिरफ्तार होकर जेल अवश्य जाता है। यदि उस मनुष्य के जन्म, लग्न, मेष, वृष व धनु होता है तो उसे लंबे समय तक जेल में रहना पड़ सकता है। यदि जन्म लग्न इससे भिन्न हो तो उसे कुछ समय बाद जेल से छुटकारा मिल जाता है।यह है बचाव का तरीका
पंचांगकार आचार्य डा. रमेश चंद्र जोशी के अनुसार जेल में एक दिन रहना सर्वोच्च माना जाता है। जेल दोष योग बन रहा है तो चार गुना वैदिक मंत्रों का जाप करना चाहिए और दान करें। इसके अलावा गाय के दूध से शिवमंदिर में लघुरुद्र अभिषेक करें। हनुमान चालीसा का पाठ करना भी लाभदायक होता है।उपकारागार में इस तरह कटेगी रात
- जेल में बने लाकअप में दोष वाले युवक को डाला जाएगा
- अन्य बंदियों की तरह उसे रात गुजारने के लिए कंबल मिलेगा
- सुबह आने पर दोपहर व रात दो टाइम का खाना मिलेगा
- एक रात काटने के बाद उसे सुबह लाकअप से बाहर निकाला जाएगा