जेटली ने पहाड़ के विकास के लिए फूड पार्क विकसित करने पर दिया था जोर
उत्तराखंड से लगाव रखने वाले पूर्व वित्त मंत्री को पहाड़ के विकास की चिंता थी। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्र के विकास के लिए फूड पार्क विकसित किए जाने पर जोर दिया था।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 24 Aug 2019 05:38 PM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : उत्तराखंड से लगाव रखने वाले पूर्व वित्त मंत्री को पहाड़ के विकास की चिंता थी। विधानसभा चुनाव 2017 से पहले कैंपेन करने के लिए लगातार उत्तराखंड के दौरे पर रहे। 5 फरवरी 2017 को हल्द्वानी में प्रबुद्ध प्रकोष्ठ की बैठक में उन्होंने पहाड़ के विकास के लिए बड़ी बातें कही थी। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्र के विकास के लिए फूड पार्क विकसित किए जाने पर जोर दिया था। जेटली ने कहा था मैदानी इलाकों में उद्योग लगाने से विकास दिखने लगा है, लेकिन पहाड़ छूट गए हैं। इसलिए पर्वतीय क्षेत्र को भी विकसित करने के लिए छोटे- छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इस दौरान शहर के तमाम बुद्धिजीवियों ने उन से सीधा संवाद कर राज्य की जरूरतों को पूरा करने की मांग रखी। बैठक में मौजूद रहे हल्द्वानी के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. नीलांबर भट्ट ने बताया कि मृदुभाषी जेटली जी का निधन हम सभी को दुखी करता है, लेकिन उनका विजन आज भी हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। तब बैठक में उनसे सीधा संवाद कर कुमाऊं से नई ट्रेनें चलाने समेत कई अन्य मांगें की थी। उन्होंने हमारी मांगों का बड़ी सहजता से जवाब दिया और उन्हें पूरा करने को लेकर पूरी प्रक्रिया के बारे में भी अवगत कराया था। देश में ऐसे कम ही नेता होते हैं, जो आम लोगों की सामान्य समस्याओं को बड़ी गंभीरता से लेते हैं और उन्हें पूरा करने को लेकर कटिबद्ध दिखते हैं।
चार दिन तक रहे थे नैनीताल
नैनीताल : वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली 10 से 13 सितंबर 2016 तक चार दिन तक कुमाऊं की यात्रा पर आए थे। उस समय डॉ केके पाॅल राज्यपाल थे। पूर्व वित्त मंत्री गवर्नर बोट हाउस क्लब से लेकर नौकुचियाताल तक घूमे थे। तत्कालीन जिलाधिकारी दीपक रावत ने उनकी आगवानी की थी। तब राज्य में कांग्रेस के विधायकों की बगावत से लेकर सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस सरकार की बहाली तक का घटनाक्रम सुर्खियों में था। नैनीताल पहुंचे जेटली ने अवकाश के बाद भी राजभवन में आधी रात तक तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ राज्य की वित्तीय जरूरतों पर बैठक की थी। वित्त सचिव अमित नेगी भी साथ रहे। पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी से राजभवन में मुलाकात कर राज्य के विधानसभा चुनाव को लेकर मंत्रणा की थी। चार दिन तक नैनीताल में रहे जेटली ने तब किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया मगर खुद की सादगी की वजह से वह स्थानीय लोगों के दिलों में जगह बनाने में कामयाब रहे।
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