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Jammu Kashmir Election: उत्‍तराखंड में कारोबार कर रहे कश्मीरी युवा बदलाव के साथ, कहा- हालात बदले, अनुच्छेद-370 अब अतीत

Jammu Kashmir Election 2024 कश्मीर में आतंक का दौर खत्म हो चुका है और अब वहां अमन-शांति का माहौल है। अनुच्छेद 370 के हटने के बाद राज्य में पहली बार हो रहे विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड मतदान हो रहा है। कश्मीरी युवा भी बदलाव के पक्ष में हैं और चाहते हैं कि नई सरकार रोजगार स्वास्थ्य और विकास पर ध्यान दे।

By kishore joshi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Thu, 26 Sep 2024 01:47 PM (IST)
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Jammu Kashmir Election 2024: आम कश्मीरी भी मानते हैं कि कश्मीर में हालात सुधरे हैं. Concept Photo
किशोर जोशी, नैनीताल। Jammu Kashmir Election 2024: जम्मू-कश्मीर में अुनच्छेद-370 की समाप्ति के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया जारी है। अनुच्छेद-370 की समाप्ति के बाद यह राज्य में पहला चुनाव है और वहां की जनता रिकार्ड मतदान कर आतंकियों व उनके सीमा पार के आकाओं को सबक सिखाने का साफ संदेश दे रही है।

पिछले दस साल में मोदी सरकार के आने के बाद कश्मीर में आतंकी वारदातों में कमी आई है। पर्यटन उद्योग पटरी पर लौट आया है। आम कश्मीरी भी मानते हैं कि कश्मीर में हालात सुधरे हैं, फिर भी उनको उम्मीद है कि चुनाव के बाद नई हुकुमत कश्मीर में अमन-शांति सहित खुशहाली तथा बेरोजगारी, स्वास्थ्य-शिक्षा जैसी बुनियादी समस्याओं का समाधान करेगी और शांति बहाली से कश्मीर के कालीन सहित अन्य उद्योग तेजी पकड़ेंगे।

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घर वापसी का भी रास्ता खुलेगा

यहां व्यापार कर रहे कश्मीरी युवा मानते हैं कि घाटी में शांति वापसी के बाद हालातों में और सुधार से उनकी घर वापसी का भी रास्ता खुलेगा। जम्मू के साथ ही कुपवाड़ा, अनंतनाग व अन्य जिलों के ढाई दर्जन लोग नैनीताल व भीमताल में कारोबार कर आजीविका चलाते हैं। दैनिक जागरण से बातचीत में इन कश्मीरी युवाओं से बातचीत की तो बदलते कश्मीर को लेकर उनके चेहरों में उत्साह नजर आया।

कुपवाड़ा के मूल निवासी आसिफ मग्रे ने साफ कहा कि जम्मू-कश्मीर में भले ही जिसकी भी हुकुमत बने, सबका लक्ष्य घाटी में अमन वापसी ही होना चाहिए। एक स्वर में बोले कि कश्मीर में हालात बदले हैं, अनुच्छेद-370 अब अतीत का हिस्सा बन चुका है। यह चुनाव में कोई मुद्दा नहीं है। मुद्दा, बेरोजगारी, बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं, चौपट होती खेती व उद्यानिकी है। वादी में शांति कायम रहे तो समस्याओं के समाधान भी नई हुकुमत निकाल ही लेगी।

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धीरे-धीरे पूरी तरह खत्म हो रहा आतंक का दौर

माल रोड में पिछले एक दशक से दुकान चला रहे मूल रूप से कुपवाड़ा निवासी दाउद मलिक बोले, क्षेत्र में समस्याएं बहुत हैं, कश्मीर में अमन-शांति कायम हुई है। आतंक का दौर धीरे-धीरे पूरी तरह खत्म हो रहा है। उम्मीद है कि चुनाव बाद कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा भी मिल जाएगा। कश्मीर का यूथ हालातों में बदलाव चाहता है। हालात सुधरेंगे तो वह भी मातृभूमि लौट जाएंगे, नैनीताल जैसा अमन पसंद व सांप्रदायिक सौहार्द वाला शहर दुनियां में शायद ही मिलेगा।

कुपवाड़ा के ही जावेद हुसैन खान के अनुसार पिछले एक दशक में कश्मीर में पहले की अपेक्षा शांति है। सरकार के प्रयासों से पर्यटन रफ्तार पकड़ रहा है। जिससे स्थानीय लोगों की कमाई के बंद रास्ते खुले हैं। युवा बदलाव के लिए प्रयासरत हैं। नई सरकार को बेरोजगारी व अन्य समस्याओं का समाधान तलाशना होगा।

अनंतनाग निवासी जाकिर मलिक लोक सभा चुनाव में मतदान के लिए घर गए थे। पहले चरण के मतदान में मताधिकार कर यहां लौट आए हैं। बोले कश्मीर में आतंकवाद से बहुत नुकसान हुआ है। अब हालात सुधर रहे हैं, जम्हुरियत की मजबूती से अमन व शांति लौटी है।

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