2024 तक बन जाएगा जमरानी बांध, बनने में लगेंगे 2584 करोड़ रुपये
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से ठीक पहले केंद्रीय जल आयोग की तकनीकी सलाहकार समिति ने जमरानी बांध परियोजना की डीपीआर को स्वीकृति दी है। अब शासन के आला अफसरों ने प्रयास शुरू कर दिए हैं।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Wed, 13 Feb 2019 06:25 PM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से ठीक पहले केंद्रीय जल आयोग की तकनीकी सलाहकार समिति ने जमरानी बांध परियोजना की डीपीआर को स्वीकृति दी है। अब वित्त मंत्रालय से वित्तीय स्वीकृति दिलाने के लिए शासन के आला अफसरों ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद बांध निर्माण में पांच साल का समय लगने और इसके वर्ष 2024 तक पूरा होने का दावा अफसर कर रहे हैं। वर्ष 1975 से प्रस्तावित जमरानी बांध परियोजना की डीपीआर को 44 साल बाद केंद्रीय जल आयोग ने स्वीकृति देकर तकनीकी बाधाएं दूर की हैं। सोमवार को तकनीकी सलाहकार समिति की ओर से 2584 करोड़ रुपये की डीपीआर को स्वीकृति देने के बाद प्रस्ताव वित्तीय स्वीकृति के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा गया है। दिल्ली से लौटे सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता स्तर द्वितीय मोहन चंद्र पांडे ने बताया कि अगर जल्द वित्तीय स्वीकृति मिली तो वर्ष 2024 तक जमरानी बांध का निर्माण पूरा हो जाएगा। बांध निर्माण को पांच चरणों में विभाजित किया गया है। पहले चरण में एप्रोच रोड व साफ-सफाई होगी।
पहले व दूसरे चरण में टनल निर्माण का काम भी किया जाएगा। पानी के डायवर्जन के लिए हॉर्स शू सेव के टनल बनाए जाएंगे। जिसकी गोलाई (व्यास) 6.5 मीटर व लंबाई 565 मीटर होगी। तीसरे चरण में कॉफर डैम बनाया जाएगा। जिससे पानी टनल में जाएगा। तीसरे व चौथे चरण में मुख्य बांध का निर्माण होगा। बांध कंकरीट का बनाया जाएगा। अंतिम चरण में पावर हाउस निर्माण व अन्य बचे काम पूरे किए जाएंगे। मंगलवार को शासन ने पूरे दिन सिंचाई विभाग के अफसरों से परियोजना के दस्तावेजों की जानकारी ली। अफसरों के मुताबिक मुख्यमंत्री कार्यालय समेत सचिवालय के आला अफसर भी इस परियोजना को हरी झंडी दिलाने की कोशिश में जुटे हैं। साथ ही परियोजना को केंद्र पोषित योजना घोषित करने के प्रयास भी किए जा रहे हें। 14 फरवरी को रुद्रपुर में आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परियोजना की वित्तीय स्वीकृति घोषणा करने के कयास भी अफसर लगा रहे हैं।
जमरानी बांध पर ऐसे खर्च होगा बजट
पहला चरण 384.14 करोड़
दूसरा चरण 515.83 करोड़
तीसरा चरण 649.52 करोड़
चौथा चरण 649.52 करोड़
पांचवां चरण 385.09 करोड़
पर्यावरण क्लीयरेंस भी अंतिम चरण में
सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता मोहन चंद्र पांडे ने बताया कि वित्तीय स्वीकृति के साथ ही केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से पर्यावरण क्लीयरेंस भी लेना है। केंद्रीय जल आयोग की तकनीकी सलाहकार समिति की ओर से परियोजना की लागत स्वीकृत करने के साथ ही सभी अभिलेख पर्यावरण स्वीकृति के लिए वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए हैं। जल्द ही पर्यावरण स्वीकृति भी मिल जाएगी।
पहले व दूसरे चरण में टनल निर्माण का काम भी किया जाएगा। पानी के डायवर्जन के लिए हॉर्स शू सेव के टनल बनाए जाएंगे। जिसकी गोलाई (व्यास) 6.5 मीटर व लंबाई 565 मीटर होगी। तीसरे चरण में कॉफर डैम बनाया जाएगा। जिससे पानी टनल में जाएगा। तीसरे व चौथे चरण में मुख्य बांध का निर्माण होगा। बांध कंकरीट का बनाया जाएगा। अंतिम चरण में पावर हाउस निर्माण व अन्य बचे काम पूरे किए जाएंगे। मंगलवार को शासन ने पूरे दिन सिंचाई विभाग के अफसरों से परियोजना के दस्तावेजों की जानकारी ली। अफसरों के मुताबिक मुख्यमंत्री कार्यालय समेत सचिवालय के आला अफसर भी इस परियोजना को हरी झंडी दिलाने की कोशिश में जुटे हैं। साथ ही परियोजना को केंद्र पोषित योजना घोषित करने के प्रयास भी किए जा रहे हें। 14 फरवरी को रुद्रपुर में आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परियोजना की वित्तीय स्वीकृति घोषणा करने के कयास भी अफसर लगा रहे हैं।
जमरानी बांध पर ऐसे खर्च होगा बजट
पहला चरण 384.14 करोड़
दूसरा चरण 515.83 करोड़
तीसरा चरण 649.52 करोड़
चौथा चरण 649.52 करोड़
पांचवां चरण 385.09 करोड़
पर्यावरण क्लीयरेंस भी अंतिम चरण में
सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता मोहन चंद्र पांडे ने बताया कि वित्तीय स्वीकृति के साथ ही केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से पर्यावरण क्लीयरेंस भी लेना है। केंद्रीय जल आयोग की तकनीकी सलाहकार समिति की ओर से परियोजना की लागत स्वीकृत करने के साथ ही सभी अभिलेख पर्यावरण स्वीकृति के लिए वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए हैं। जल्द ही पर्यावरण स्वीकृति भी मिल जाएगी।
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